Kedarnath Dham: केदारनाथ के कपाट बंद, हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजा धाम..15 हजार से अधिक श्रद्धालु बनें साक्षी

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Kedarnath Dham: विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट रविवार, भैया दूज के पावन पर्व पर प्रातः 08:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर “ॐ नम: शिवाय” और “जय बाबा केदार” के जयघोष के साथ भारतीय सेना के बैंड ने भक्तिमय धुनें प्रस्तुत कीं। कपाट बंद करने की प्रक्रिया वैदिक विधि-विधान और धार्मिक परंपराओं के साथ सम्पन्न हुई। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय समेत 15,000 से अधिक श्रद्धालु इस मौके के गवाह बने।

Kedarnath Dham: कपाट बंद करने की प्रक्रिया

सुबह पांच बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति रही। आचार्य, वेदपाठियों और पुजारियों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की पूजा की। शिवलिंग को भस्म, स्थानीय पुष्पों और बेल पत्र से सजाया गया। इसके बाद प्रातः 08:30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया, और अंततः कपाट बंद कर दिए गए।

Kedarnath Dham: श्रद्धालुओं की संख्या

इस वर्ष केदारनाथ धाम में 16 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की पंचमुखी डोली रामपुर के लिए रवाना हुई, जहां हजारों श्रद्धालु पैदल यात्रा कर रहे थे। श्रद्धालुओं के लिए भंडारे भी आयोजित किए गए थे। आज मौसम साफ था, लेकिन आस-पास बर्फ होने के कारण ठंडी बयारें चल रही थीं। इसके बावजूद श्रद्धालुओं में उत्साह की कमी नहीं थी।

Kedarnath Dham: आगे की यात्रा

बाबा केदार की पंचमुखी डोली आज 3 नवंबर को रामपुर में रात बिताएगी। 4 नवंबर को यह गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर में प्रवास करेगी और 5 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। शीतकाल में बाबा केदार की पूजा ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में ही की जाएगी।

Kedarnath Dham: उपस्थित अतिथि

कपाट बंद होने के मौके पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अलावा स्वामी संबिदानंद महाराज, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी डा. सौरव गहरवार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, केदारनाथ विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, और मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल भी मौजूद रहे।