Naraka Chaturdashi 2024: हिंदू धर्म में नरक चतुर्दशी को विशेष महत्व दिया जाता है, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस अवसर पर प्रदोष काल में चौमुखी दीपक जलाने की परंपरा है, जो भगवान यम को समर्पित होती है। इस दिन भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और यम देव की पूजा की जाती है।
Naraka Chaturdashi 2024: पूजा विधि
छोटी दिवाली के दिन, शाम को प्रदोष काल में गेहूं के आटे का दीपक बनाएं। चार बर्तन बनाकर उनमें सरसों का तेल डालें और दीपक के चारों ओर गंगाजल छिड़कें। इसे घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में रखें और उसके नीचे कुछ अनाज रखें। दीपक जलाने के बाद श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान से प्रार्थना करें और परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद मांगें।
Naraka Chaturdashi 2024: तिथि और समय
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 1:15 बजे से शुरू होगी और 31 अक्टूबर को 3:52 बजे समाप्त होगी। इस दिन सूर्यास्त के बाद यम दिवा जलाया जाता है, और पूजा का शुभ समय शाम 5:36 बजे से 6:05 बजे तक रहेगा।
Naraka Chaturdashi 2024: विशेष ध्यान
पुराणों के अनुसार, दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। यम दिवा जलाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन यमदीप जलाते समय शुद्ध घी और अच्छी रुई की बाती का प्रयोग करें। दीपक साफ और सुंदर होना चाहिए। यमराज मंत्र का जाप करते हुए यमदीप जलाने से जीवन में समस्याएं कम होती हैं।
Naraka Chaturdashi 2024: यम दीपक का दिशा
नरक चतुर्दशी पर यम दीप जलाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। इसे दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए, क्योंकि यह यमराज की दिशा है। दक्षिण दिशा में यमदीप जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
Naraka Chaturdashi 2024: धार्मिक महत्व
भगवान यम इस दिन पूजे जाने वाले प्रमुख देवताओं में से एक हैं। प्रदोष काल में चार मुख वाले दीपक को जलाने से मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान यम की कृपा से जीवन में स्वास्थ्य और सुरक्षा का अनुभव होता है।