ईरान द्वारा इजराइल पर हमले के बाद से पश्चिम एशिया में तनाव की स्थिति लगातार बढ़ रही है। इस गंभीर संकट के बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक की। इस बैठक में बढ़ते तनाव और इसके भारत पर संभावित प्रभाव पर चर्चा की गई।
कैबिनेट समिति की बैठक का संदर्भ
बैठक में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के सदस्य शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पश्चिम एशिया के संकट और उसके भारत पर प्रभावों पर चर्चा की गई। खाड़ी क्षेत्र में संकट की स्थिति से भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका जताई गई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ सकती हैं।
भारत की चिंता और अपील
भारत ने मध्य पूर्व के बढ़ते संघर्ष और युद्ध पर चिंता व्यक्त की है और संबंधित पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। भारत ने यह भी कहा है कि यह टकराव अधिक व्यापक नहीं होना चाहिए और सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाने का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के चलते, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने बुधवार को आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने कहा कि ईरान ने इजराइली हिंसा को रोकने के लिए इजराइल पर लगभग 200 मिसाइलें दागी हैं। इसके जवाब में, इजराइल के राजदूत ने इस हमले को अभूतपूर्व आक्रामकता बताया।
इजराइल की जवाबी कार्रवाई की धमकी
ईरान के हमले के बाद, इजराइल ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस संबंध में चेतावनी दी है। वर्तमान में, इजराइल दो मोर्चों पर आतंकियों के खिलाफ लड़ाई कर रहा है। लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ और गाजा पट्टी में लगातार हमले जारी हैं। गाजा में इजराइल के हमलों में हजारों लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।