खंडवा : भगवान शिव का प्रिय महीना सावन आने वाला है और इसकी तैयारियां ओंकारेश्वर में जोरों पर हैं। 22 जुलाई से शुरू होने वाले इस पावन माह में भक्तों को भगवान ओंकारेश्वर के स्पष्ट दर्शन का अवसर मिलेगा। मंदिर ट्रस्ट ने गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग के सामने लगे पुराने कांच को बदल दिया है, जो धुंधला होकर दर्शन में बाधा बन रहा था।
दरअसल, पिछले कांच से दर्शन में परेशानी हो रही थी, जिसके चलते इसे बदल दिया गया है। अब श्रद्धालु भगवान ओंकारेश्वर के भव्य स्वरूप का आसानी से दर्शन कर सकेंगे। सावन माह में भक्तों की संख्या बढ़ने के साथ ही दर्शन में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है।
इसलिए, मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह में सीधे जल अर्पित करने पर रोक लगा दी है। श्रद्धालु भगवान ओंकारेश्वर को जल अर्पित करने के लिए निर्धारित स्थानों का उपयोग कर सकेंगे। सावन माह भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में सोमवार का व्रत रखना विशेष फलदायी माना जाता है।
सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से सुख-समृद्धि और पारिवारिक जीवन में खुशियां प्राप्त होती हैं। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग एक द्वीपीय तीर्थस्थल है जो नर्मदा नदी के बीच स्थित है। ओंकारेश्वर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसकी विशेषता यह है कि यहां भगवान शिव “ओमकार” रूप में विराजमान हैं। ओंकारेश्वर यात्रा का विशेष महत्व है और माना जाता है कि यहां भगवान शिव की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।