सात नहीं सिर्फ चार फेरे लेंगे अनंत-राधिका, जानें वजह

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मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बेटे अनंत 12 जुलाई को राधिका के साथ शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। शादी की सभी रस्में कुछ दिन पहले ही शुरू हो चुकी हैं। 12 जुलाई को अनंत-राधिका शादी के चार फेरे लेंगे और जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा करेंगे।

गुजराती परंपरा के अनुसार, दूल्हा और दुल्हन शादी के चार फेरों के माध्यम से एक-दूसरे के जीवनसाथी बन जाते हैं। जिसके बाद वह सप्तपदी के सात वचन लेते हैं।

‘हिंदू धर्म की वैदिक विवाह प्रणाली में केवल चार फेरे होते हैं’

हिंदू धर्म की वैदिक विवाह प्रणाली में केवल चार फेरे होते हैं। हिंदू विवाह अभी भी उन्हीं वैदिक मंत्रों के अनुसार किए जाते हैं जिनमें चार फेरे होते हैं और सात सप्तपदी प्रतिज्ञाएं लेनी होती हैं। सप्तपदी समारोह में दुल्हन की शादी नहीं की जाती है, बल्कि सुधि पूरी होने तक कुंवारी रहती है। सप्तपदी में सात वचन शामिल होते हैं, जिसके तहत दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे के प्रति वफादार और सहायक होने के लिए सात वचन लेते हैं।

‘विवाह के चार चरण’

विवाह के चार फेरों के माध्यम से ऋषियों ने बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश दिया है। विवाह के चार चरण हैं धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। विवाह के चार फेरों में से तीन फेरों में पुरुष आगे रहता है और चौथे फेरे में दुल्हन आगे रहती है, इसका भी अलौकिक महत्व है।

अंबानी परिवार गुजराती मूल का है। उनके परिवार में होने वाली सभी शादियां या अन्य कार्यक्रम गुजराती परंपरा के अनुसार ही होते हैं। अंबानी परिवार में मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बड़े बेटे आकाश और बेटी ईशा की भी गुजराती परंपरा के अनुसार चार फेरे लिए थे। वही अनंत और राधिका भी इसी परंपरा के मुताबिक चार फेरे लेकर एक-दूसरे के हो जाएंगे। शादी की सभी रस्में भी गुजराती परंपरा के अनुसार आयोजित की गई हैं।