इंदौर : मध्य भारत के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर की 600 बेड से शुरुआत

Shivani Rathore
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इंदौर : कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुये मामलों को दृष्टिगत रखते हुये मरीजों के लिये पर्याप्त बेड व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट की पहल पर जनसहयोग के माध्यम से इंदौर में खंडवा रोड स्थित राधास्वामी सत्संग (ब्यास) में देश का दूसरा तथा प्रदेश का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बनाया जा रहा है। मंत्री श्री सिलावट ने जनसहयोग से निर्मित किये जा रहे प्रदेश के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर के प्रकल्प के संबंध में जानकारी देते हुये बताया कि उक्त कोविड केयर सेंटर में प्रथम चरण में 600 बेड से शुरुआत की जा रही है, जिसका भविष्य में 6 हजार बेड तक विस्तार किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि यह सेंटर सभी आधारभूत आवश्यकताओं एवं सर्व सुविधाओं से युक्त है। उन्होंने इंदौर की जनता के दृढ़ संकल्प, समर्पण एवं जज्बे को प्रणाम करते हुये कहा कि यह अनूठा सेंटर इंदौर को कोविड मुक्त बनाने के लिये चलाये जा रहे जनआन्दोलन का परिणाम है। उन्होंने कोविड केयर सेंटर निर्माण की सहमति देने के लिये राधास्वामी सत्संग के डेरा प्रमुख के प्रति मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की ओर से आभार व्यक्त किया।मंत्री श्री सिलावट, राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे एवं कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आज रेसीडेंसी कोठी में पत्रकारों से चर्चा करते हुये राधास्वामी सत्संग (ब्यास) में बनाये जा रहे कोविड केयर सेंटर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि यह कोविड केयर सेंटर इंदौर के नागरिकों के विश्वास और जनसहयोग से निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगामी दो से तीन दिवस में कोविड केयर सेंटर में मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। इसके साथ ही कोविड केयर सेंटर के द्वितीय चरण का कार्य भी युद्ध स्तर पर आरंभ कर दिया गया है। मंत्री श्री सिलावट ने इंदौर के सभी प्रमुख व्यक्ति, व्यापारियों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं का आभार जताया। जिनके सहयोग से उक्त कोविड केयर सेंटर को सुलभ व्यवस्थाओं के साथ संचालित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश का अपने तरह का अनूठा और सबसे बड़ा सेंटर होगा।

कोविड केयर सेंटर में रहेंगे कम लक्षण एवं गहन अवलोकन की जरूरत वाले मरीज
राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे ने बताया कि राधास्वामी (ब्यास) में बनाये जा रहे कोविड केयर सेंटर में प्रथम चरण में 600 बेड की सुविधा प्रदान की जायेगी। उन्होंने बताया कि उक्त सेंटर में आरआरटी द्वारा लाये गये एवं चिकित्सकों द्वारा अनुसंशा प्राप्त कम लक्षण/एसिम्टोमैटिक मरीज, ऐसे मरीज जिनके घर में होम आइसोलेश हेतु सुविधाएं उपलब्ध नहीं है या फिर जिन मरीजों की स्वास्थ स्थिति को नियमित रूप से अवलोकन करने की आवश्यकता है, उन्हें रखा जायेगा। कोविड केयर सेंटर में मरीजों के उचित इलाज हेतु सभी आवश्यक सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। डॉ. खरे में बताया कि कोविड केयर सेंटर को चार भागों में बांटा गया है। जिसमे इंदौर के चार प्रमुख अस्पताल मेदांता हॉस्पिटल, बॉम्बे हॉस्पिटल, चोइथराम हॉस्पिटल एवं राजश्री अपोलो हॉस्पिटल को इन भागों की सूपरविजन की जवाबदारी सौंपी गई है। उक्त अस्पतालों का चिकित्सकीय अमला यहां पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा। साथ ही गंभीर स्थिति होने पर मरीजों को एम्बुलेंस से दूसरे अस्पतालों में भी रेफर किया जायेगा।

डॉ. खरे ने बताया कि यह कोविड केयर सेंटर की सम्पूर्ण व्यवस्थाएं जनसहयोग द्वारा की गई हैं। उन्होंने बताया कि उक्त सेंटर पूर्णत: एयरकूल्ड रहेगा तथा मरीजों के लिये बेड से लेकर भोजन आदि की सभी आधारभूत सुविधाएं राधास्वामी ब्यास आश्रम द्वारा प्रदान की जा रही हैं। कोविड केयर सेंटर में प्रतिभा सिन्टेक्स द्वारा मरीजों के कपडों की व्यवस्था, अभूदय संस्था द्वारा बेड, क्रेडाई एवं यूथ क्रेडाई द्वारा ऑक्सीजन प्लांट, जवेरी ग्रुप, नरेडको द्वारा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने हेतु स्वेच्छा से योगदान दिया गया। इसी तरह मरीजों के बेहतर इलाज हेतु अन्य आधारभूत संसाधन एवं सुविधाओं की उपलब्धता प्रदान करने के लिये 420 पापड़, सहोदय जन कल्याण संस्था, नन्हे फरिश्ते, प्लास्टिक असोसिएशन, एंटर 10 टेलीविजन लिमिटेड, अपोलो डीबी, बीसीएम, सजन प्रभा, मोइरा आदि संस्थाओं एवं उद्यौगों द्वारा योगदान दिया गया।

इंदौर की जनता के दृढ़ संकल्प का उदाहरण पूरे देश में दिया जाता है। इसी संकल्प का प्रत्यक्ष रूप है राधास्वामी (ब्यास) में बनाया जा रहा कोविड केयर सेंटर। उन्होंने बताया कि यह सेंटर सर्वसुविधाओं से परिपूर्ण रहेगा। यहां पर जनभागीदारी से लगभग दो करोड़ से अधिक की लागत के दो ऑक्सीजन प्लांट तैयार किये जा रहे है। इन ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 850 लीटर प्रति मिनट रहेगी। उन्होंने बताया कि शासन-प्रशासन द्वारा जिले में कोविड मरीजों के उचित उपचार हेतु संसाधनों की निरंतरता बनाये रखने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी निजी चिकित्सालयों में डिमांड एवं सप्लाई के आधार पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग की सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। यदि कोई भी व्यक्ति एवं हॉस्पिटल संचालक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में संलग्न पाया गया तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।