आयकर के फेसलेस असेसमेंट पर कार्यशाला का आयोजन

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सीए और कर सलाहकारों के लिए फेसलेस असेसमेंट की बारीकियों पर परिचर्चा के लिए टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन ने कार्यशाला आयोजित की जिसमे मुख्य वक्ता सीए पंकज शाह थे।

संस्था के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सीए जे पी सराफ ने बताया कि फेसलेस असेसमेंट के फाइनल नोटिस आने लगे है इसलिए सदस्यों को नई प्रक्रिया और डेवलपमेंट से अपडेट कराने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई है। संस्था का उद्देश्य है कि सरकार द्वारा लागू इस स्कीम को लागू करने में सहयोग मिले और पारदर्शी कर निर्धारण हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि पोर्टल पर करदाता की ईमेल और फोन सही नही अपडेट होने पर सही समय पर नोटिस की जानकारी नहीं मिल पा रही हैं और एकपक्षीय ऑर्डर के साथ भारी डिमांड और पेनल्टी लग रही है

वक्ता सीए पंकज शाह ने बताया कि असेसमेंट में चयन होने पर करदाता को आए नोटिस का सूक्ष्म अवलोकन करना चाहिए क्योंकि कई नोटिस तकनीकी कारणों से निरस्त हो रहे है जैसे

– नोटिस पर जारी करने वाले अधिकारी की डिजिटल साइन न होना
– गलत धारा में नोटिस और कार्यवाही शुरू करने से
– कालावधि में नोटिस तामील न होने पर
– बिना क्षेत्राधिकार रखने वाले अधिकारी के नोटिस जारी करने पर
– नोटिस पर डीन (यूनिक नंबर) न लिखे होने पर

जहां गलत जानकारी के आधार पर नोटिस जारी हुआ है वहां सही तथ्य एफिडेविट के माध्यम से पेश करने पर करदाता का पक्ष मजबूत होता है।

कार्यशाला में आयकर असेसमेंट ने अन्य कानूनों कि उपयोगिता पर भी चर्चा हुई जैसे साक्ष्य अधिनियम, सिविल प्रोसीजर कोड, जनरल क्लासेज एक्ट, आदि।

फेसलेस असेसमेंट के दौरान अगर अधिक डिटेल ऑनलाइन पेश करना संभव न हो तो लोकल जांच टीम को रेफर करने के लिए आवेदन करना चाहिए।

यह बताया गया कि अधिकतर नोटिस का कारण नोटबंदी और अन्य वर्षो में खाते में अधिक नकद जमा, बड़ी प्रॉपर्टी डील, पूंजी में वृद्धि है। इन मामलों में पैरवी करने के लिए आय और निवेश के स्त्रोत संबंधी जानकारी अच्छी तरह से पेश करनी चाहिए

कार्यशाला में जानकारी दी गई कि भारत सरकार ने फेसलेस प्रक्रिया के साथ टैक्सपेयर्स चार्टर जारी किया है जिसमे करदाता के अधिकार और अधिकारी की जवाबदारी घोषित की गई है। अगर असेसमेंट के दौरान नियम विरुद्ध जानकारी मांगी जाती है या परेशान किया जाता है तो इस चार्टर का हवाला देते हुए कंप्लेंट की जा सकती है।
संचालन संयुक्त सचिव सीए प्रणय गोयल ने किया तथा धन्यवाद अभिभाषण एडवोकेट गोविंद गोयल ने दिया।

कार्यशाला में सीए मनोज गुप्ता, सीए अभिषेक गांग, सीए संकेत मेहता, सीए अविनाश अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे