मध्य प्रदेश का नया सीएम बनते ही बाबा महाकाल की नगरी से मोहन यादव को मिला वनवास, जानें वजह

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लंबे इंतजार और सस्पेंस के बीच आज मध्यप्रदेश के लोगों को अपना नया मुख्यमंत्री मिल चुका है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी का भी सस्पेंस और प्रेशर कम हो चुका है। बता दें कि 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आए इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर भारी बहुमत से अपनी सरकार बनाई।

लेकिन इसके बाद से ही सीएम के चेहरे को लेकर चर्चाएं चल रही थी, क्योंकि इस बार मध्य प्रदेश में सीएम की दौड़ में कई दिग्गज नेता चल रहे थे, लेकिन लंबे इंतजार के बाद आज भोपाल में हुई विधायक दल की मीटिंग में उज्जैन दक्षिण से विधायक डॉ मोहन यादव को सीएम बना दिया गया है।

विधायक बनने के बाद उन्हें बधाई संदेश मिल रहे हैं उनके घर वाले भी काफी खुश है। मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने मोहन यादव को अब इस पद की कीमत अपने घर से दूर रहकर चुकानी पड़ेगी जी हां यह हम इसलिए कह रहे हैं कि उज्जैन का इतिहास यही कहता है कि उज्जैन में कोई एक राजा ही रह सकता है जो कि बाबा महाकाल स्वयं है।

वहीं पुराने इतिहास की बात की जाए तो कहा जाता है कि बाबा महाकाल की नगरी में कोई भी राजा रात रुकता था तो उसे अपनी सल्तनत गंवानी पड़ती थी यह परंपरा आज भी लागू है कोई भी बड़ा नेता या राजा उज्जैन में रात नहीं रुकता है और जो भी यहां पर रात रूके हैं। उन्हें अपनी सत्ता गवानी पड़ी है। इसमें कई दिग्गज नेताओं के नाम भी शामिल है।

बाबा महाकाल ही राजा
पौराणिक कथाओं और सिंहासन बत्तीसी के अनुसार राजा भोज के समय से ही कोई भी राजा उज्जैन में रात्रि निवास नहीं करता है, क्योंकि आज भी बाबा महाकाल ही उज्जैन के राजा हैं। किंवदंती के अनुसार राजा विक्रमादित्य के बाद से उज्जैन के किसी भी मानव राजा ने कभी भी शहर में रात नहीं बिताई है। जिन्होंने ऐसा किया, वे आपबीती कहने के लिए जीवित नहीं थे।