MP News: राजेंद्र शुक्ल मध्य प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री के रूप में चुने गए हैं। वह विंध्य के ऐसे पहले व्यक्ति होंगे जिन्हें यह इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिल रही है। राजेंद्र शुक्ल एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा है।
स्कूली जीवन से ही राजनीति में थी बहुत रुचि
राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था। अपने छात्र जीवन से ही उन्हें राजनीति में बेहद रूचि थी। इसलिए 59 वर्षीय राजेंद्र ने राजनीति की शुरूआत युवा कांग्रेस के पदाधिकारी के रूप में छात्र जीवन से ही की थी। आपको बता दे उनके पिता भैया लाल शुक्ल एक ठेकेदार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। राजेंद्र शुक्ल ने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। राजनीति में रुचि होने के चलते वे 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। इसके बाद उन्होंने 1978 के विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़कर राजनीति में अपनी अलग जगह पहचान और जगह बनाई।
पुष्पराज सिंह से हार गए थे पहला चुनाव
राजेंद्र शुक्ल ने 1998 के विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़कर राजनीति में अपनी अलग जगह पहचान और जगह बनाई। हालांकि वे इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पराज सिंह से 1394 वोटों के अंतर से हार गए। इसके बाद 2003 में निवर्तमान पुष्पराज सिंह को हराकर पहली बार वे विधानसभा के लिए चुने गए। इसके बाद उन्हें उमा भारती की सरकार में आवास पर्यावरण एवं राज्य मंत्री का पद दिया गया।
राजेंद्र शुक्ल पांचवीं बार बने विधायक
2003 में हर के बाद लगातार उन्होंने 2008 और 2013 के मध्य प्रदेश चुनाव में उन्होंने अपनी जीत दोहराई। 2008 में दूसरी बार चुनाव जीतने पर उन्हें ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्री बनाया गया। वहीं, 2013 में तीसरी बार चुनाव जीतने पर उन्हें उद्योग नीति और निवेश संवर्धन मंत्री बनाया गया था। साल 2018 में वह चौथी बार और अब साल 2023 में पांचवीं बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। राजेंद्र शुक्ल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतकर पांचवीं बार विधायक बने हैं। इससे पहले वे जनसंपर्क, खनिज, ऊर्जा, पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। आपको बता दें, विधानसभा चुनाव 2023 में राजेंद्र शुक्ल ने कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र शर्मा को 21,339 मतों से हराया है। उन्होंने इस चुनाव में 77,680 वोट हासिल किए हैं।