चीन के हुनान प्रांत के हुआइहुआ शहर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 17-18 साल के छात्र श्याओकाई को उसके माता-पिता ने घर से बाहर कर दिया क्योंकि वह गाओकाओ (चीन की सबसे कठिन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस परीक्षा) में उनके मुताबिक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया।
क्या है पूरा मामला?

श्याओकाई ने गाओकाओ में 750 में से 575 अंक हासिल किए, जो आम तौर पर अच्छा स्कोर माना जाता है। लेकिन उसके माता-पिता इससे खुश नहीं थे क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि उनका बेटा देश के टॉप “985 यूनिवर्सिटीज़” में एडमिशन पाएगा। ये यूनिवर्सिटीज़ चीन की 39 सबसे प्रतिष्ठित और टॉप-टियर संस्थान मानी जाती हैं।
माता-पिता ने मोबाइल को ठहराया जिम्मेदार
श्याओकाई लंबे समय से एक मेधावी छात्र रहा है, लेकिन हाल के सालों में उसकी पढ़ाई में गिरावट आई। माता-पिता का मानना है कि मोबाइल फोन की लत ने उसकी पढ़ाई बिगाड़ दी। उन्होंने बताया कि बेटे के कहने पर उन्होंने दो साल पहले उसे मोबाइल दिलाया था, लेकिन इसके बाद वह दिन-रात उसी में खोया रहने लगा, यहां तक कि क्लास भी बंक करने लगा।
घर का पासवर्ड बदला, आर्थिक मदद भी बंद
जैसे ही परीक्षा के नतीजे आए, श्याओकाई के माता-पिता ने घर का पासवर्ड बदल दिया और उसे अंदर नहीं घुसने दिया। साथ ही सभी आर्थिक सहायता भी बंद कर दी। परेशान श्याओकाई ने स्थानीय मीडिया और Hunan TV से संपर्क कर मदद मांगी।
मां का जवाब: “अब अपनी जिंदगी खुद संभालो” जब श्याओकाई ने अपनी मां को फोन कर दरवाज़ा न खुलने की शिकायत की, तो मां ने जवाब दिया, “मैं बिजनेस ट्रिप पर हूं, मुझे नया पासवर्ड नहीं पता। हमने तुम्हें कई बार समझाया, लेकिन तुमने पढ़ाई नहीं की। अब हमें अलग-अलग अपनी जिंदगी जीनी चाहिए।” जबकि पिता ने दिए दो विकल्प “या तो घर लौटकर हमारे नियमों का पालन करो, या फिर बाहर जाकर नौकरी ढूंढो और अपनी जिंदगी खुद चलाओ।”
क्या अब भी मिल सकता है एडमिशन?
श्याओकाई का स्कोर पिछले साल की 985 यूनिवर्सिटी कटऑफ के करीब है। अभी उसका अंतिम एडमिशन स्टेटस जुलाई के मध्य में घोषित होना है। लेकिन उससे पहले ही वह घर, सहारा और आर्थिक मदद से वंचित हो चुका है।