प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध धर्मांतरण के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से जुड़े एक बड़े विदेशी फंडिंग नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया है कि उनके नाम UAE के विभिन्न बैंकों में कुल 5 विदेशी बैंक अकाउंट हैं, जिनमें अरबों रुपये का सौदा दर्ज है। इन खातों में से कुछ दुबई और शारजाह स्थित हैं, जिससे संदिग्ध क्रियाकलापों की संभावना बन रही है अहम स्रोतों के अनुसार, ED को अब तक लगभग 30 खाते मिले जिनमें से 18 में विदेशी फंडिंग का ट्रैड दिखाई दे रहा है, इनमें से UAE खाते भी शामिल हैं। कुल मिलाकर 68 करोड़ रुपये का कुछ पैसा तीन महीने में विदेशों से आया है
विशेष रूप से, छांगुर बाबा के करीबी नवीन रोहरा (नीतू) के 7 खातों में 13.9 करोड़ रुपये, और उनके पति नवीन के 6 खातों में 18 करोड़ का लेन‑देन रिकॉर्ड हुआ। यह पूरी व्यवस्था यह दर्शाती है कि यह एक गुप्त फंडिंग नेटवर्क था, जहां पैसा विदेशों से आया और भारत में संपत्ति खरीदने और धर्मांतरण गतिविधियों में लगया गया।
संपत्ति विस्तार, भारत में निवेश और कब्जा
ED की जांच यह भी दर्शाती है कि इन खातों में से जो पैसा आया, उसका इस्तेमाल दो रूपों में हुआ। धार्मिक और आवासीय परिसर बलरामपुर, नागपुर और पुणे जैसे शहरों में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, धर्मस्थलों और आवासीय परिसरों का निर्माण करवाया गया । सरकारी जमीन पर कब्जा – फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उसे निजी कंपनियों या सहयोगियों के नामों पर ट्रांसफर किया गया। ED ने अब संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी है, क्योंकि बड़ा पैसा फर्जी संस्थाओं के नाम पर बहाया गया था

मनी लॉन्ड्रिंग, 106 करोड़ का मामला
ED की जांच मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून (MLA) के तहत भी बढ़ाई जा रही है। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, छांगुर बाबा के खातों में 106 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ, जो बैंकिंग नियंत्रकों को रिपोर्ट किया गया है । जिसमें 6 विदेशी खाते भी शामिल थे । इस वित्तीय नेटवर्क की भयावहता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है।
ED और कई एजेंसियों की कार्रवाई
जांच में ED केवल विदेशी खातों तक सीमित नहीं है; वह अब आयकर विभाग और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर बैंक स्टेटमेंट, संपत्ति दस्तावेज, आयकर रिटर्न इकट्ठा कर रही है। यह सब संकेत करते हैं कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बन सकता है।
विदेशी फंडिंग का भयावह नेटवर्क
ED की जांच ने अब तक 30 बैंक खातों में 68–106 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग का खुलासा किया। इसमें UAE के 5 खाते शामिल हैं, जो संदिग्ध गतिविधियों के केन्द्र माने जा रहे हैं। फर्जी NGO ट्रस्ट, संपत्ति कब्जा, सरकारी जमीनों पर कब्जा आदि इस फंडिंग का सीधा असर हैं। ATS, STF और ED मिलकर पूरी राजनीतिक और आर्थिक जांच में जुट गए हैं। यह अब सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग या संपत्ति का मामला नहीं रहा, यह एक अंतरराष्ट्रीय फंडिंग नेटवर्क की बुनियादी तह तक शामिल है।