इंदौर : 15 नवंबर 2023। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं विधानसभा क्रमांक 1 से प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गी ने अभय प्रशाल स्थित भाजपा संभागीय मीडिया सेंटर पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए हमने भाजपा के संकल्प से सिद्धि तक के सफर के आधार पर प्रचार-प्रसार किया,भाजपा विजय संकल्पपर्व के रूप में यह चुनाव प्रचार-प्रसार की अवधि रही है।
जिसमें हर एक व्यक्ति के मन से आवाज निकली है फिर इस बार भाजपा सरकार। मध्यप्रदेश भाजपा सरकार के शासनकाल में चतुर्दिक विकास का साक्षी बनकर उभरा है। शिक्षा ,स्वास्थ्य,महिला,युवा , किसान, सामाजिक कल्याण, जनजातीय कल्याण, यातायात परिवहन, आस्था एवं पौराणिक केंद्रों के विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों में अच्छे कार्य हुए हैं।
यह प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी थी कि प्रत्येक गरीब परिवार को अपना घर मिले, इस दिशा में कार्य करते हुए मध्यप्रदेश भाजपा सरकार ने अभूतपूर्व सफलता पाई और लगभग 45 लाख गरीब परिवारों का अपना पक्का घर होने का सपना पूरा किया। यह प्रधानमंत्री मोदी की ही गारंटी का परिणाम है कि भाजपा सरकार के प्रयास से लगभग 1.36 करोड़ की आबादी को गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकाल लिया गया है। यह प्रधानमंत्री मोदी की ही गारंटी थी।
जिससे करोड़ों छोटे किसानों को किसान सम्मान निधि की 12,000 की राशि उनके खातों में मिल रही है,आज न कोई बिचौलिया है न कोई फर्जी लाभार्थी। विजयवर्गीय ने आगे कहा कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए मोदी जी ने जो गारंटी दी थी वह भी पूरी हो गई है। कुछ दिन पहले ही लोकसभा और विधानसभा में माताओं, बहनों और बेटियों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का कानून पारित किया गया है।
मोदी की गारंटी है जो भाजपा पर भरोसा का आधार है।भाजपा पर भरोसा है, क्योंकि मध्यप्रदेश बीमारू से विकसित राज्य की ओर कदम बढ़ा रहा है। तब और अब मध्यप्रदेश के विकास की कहानी है! मध्यप्रदेश का तब वर्ष 2003 में, कांग्रेस राज में प्रदेश में आर्थिक विकास की दर 4.43 % थी जो भाजपा सरकार में अब 16% हो गई है। कांग्रेस राज में तब खाद्यान्न उत्पादन तब 107 लाख मीट्रिक टन था , जो भाजपा के काल में अब यह बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
तब किसानों को फसल ऋण तब 15% से 16% ब्याज पर मिलता था, लेकिन अब किसानों को फसल ऋण
शून्य प्रतिशत ब्याज पर मिल रहा है! औद्योगिक विकास दर कांग्रेस के राज में ऋणात्मक हुआ करती थी, भाजपा सरकार में अब यह बढ़कर 24% हो गई है। प्रतिव्यक्ति वार्षिक आयवर्ष 2003 में लगभग 12,000 रुपए थी , जो अब बढ़कर 1.40 लाख हो गई है।कांग्रेस राज में तब मध्यप्रदेश बजट का आकार 23 हजार करोड़ रुपये था लेकिन अब यह बढ़कर 3 लाख 14 हजार करोड़ रुपए हो गया है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस राज में तब सड़क मात्र 60 हजार किमी थी , जो अब बढ़कर 5 लाख किमी से अधिक हो गई है। कांग्रेस राज में ऊर्जा क्षमता तब सिर्फ 5 हजार मेगा वाट थी , जो अब बढ़कर 28 हजार मेगा वाट से अधिक हो गई है। कांग्रेस राज में तब मध्यप्रदेश में मेडिकल कॉलेज सिर्फ 5 थे जो अब बढ़कर 30 हो गए हैं ,मोदी की गांरटी का ही असर है कि मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर, समर्थ और विकास का पर्याय बना है इसीलिए एमपी में भाजपा ने जो कहा वो किया और जो नहीं भी कहा वो भी पूरा करके दिखाया। साथी विजयवर्गीय ने कहा की भाजपा ने जो कहा सो किया , 2018 में कहा था महिला उत्थान भाजपा सरकार की पहचान रही है।
हमारी सरकार ने बालिका के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा एवं विवाह तक एक अभिभावक की भूमि का निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है मध्यप्रदेश का यह चुनाव सिर्फ 5 साल का चुनाव नहीं ,यह चुनाव है आने वाले 25 साल का कि जब हमारा प्रदेश आजादी का शताब्दी वर्ष मनाएगा तो मध्य प्रदेश की दशा -दिशा कैसी होगी ? आपको चुनाव करना है। भाजपा सरकार में बन रहे स्वर्णिम मध्यप्रदेश या फिर कांग्रेस सरकार में रहे बीमारू , मध्यप्रदेश को आपको चुनना है।
अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को जो भाजपा ने दिया या अंधकार को जिसे कांग्रेस ने आपके ऊपर थोपा था। आपको चुनना है महिला सम्मान को जो भाजपा सरकार में संभव हुआ या महिला अपमान को जो कांग्रेस की रीत रही है। आपको चुनना है देश -प्रदेश के सम्मान को , जो भाजपा सरकार में हुआ है अथवा देश -प्रदेश के अपमान को जो कांग्रेस लगातार करती रही है!
मध्यप्रदेश के मतदाता भाई-बहन समर्थ, समझदार और जागरूक है,वह कांग्रेस की बदहाली के झांसे में नहीं पड़ने वाले है,वह फिर इस बार मोदी की गारंटी को चुनने वाले है,3 दिसबंर को फिर कमल वाली दीपावली मनने वाली है, जब मध्यप्रदेश में प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी । फिर इस बार भाजपा सरकार। इस अवसर पर प्रदेश सह मीडिया प्रभारी दीपक जैन टीनू, प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा, प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट सुमित मिश्रा, मीडिया प्रभारी रितेश तिवारी, सह मीडिया प्रभारी नितिन द्विवेदी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।