तेजकुमार सेन
इंदौर. हुकुमचंद मिल मजदूरों सहित अन्य लेनदारो को बकाया राशि का भुगतान करने के मामले में हाई कोर्ट ने आज जारी आदेश में सरकार/हाउसिंग बोर्ड को 28 नवंबर तक का समय देते हुए निर्देशित किया है कि यदि इस अवधि तक भुगतान को लेकर वह चुनाव आयोग की अनुमति से लेकर बोर्ड बैठक और अन्य औपचारिक प्रक्रिया पूरा करने में असफल रहता है तो कोर्ट अपना 20 अक्टूबर 2023 को जारी आदेश वापस ले लेगी और सरकार/बोर्ड को कोई और अवसर नही देते हुए मिल की जमीन कांपनीस एक्ट के कानून के मुताबिक नीलाम की जाएगी.
जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने आज हुई सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किया. दरअसल गत 20 अक्तूबर के आदेश के मुताबिक आदेश की कापी मिलने के दो सप्ताह में मजदूरों सहित अन्य का बकाया भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू करना थी लेकिन सरकार (हाउसिंग बोर्ड) की ओर से पेश आवेदन में विधान सभा चुनाव के चलते चुनाव आयोग की अनुमति और बोर्ड बैठक का हवाला देते हुए कोर्ट से भुगतान के लिए 45 दिन का समय मांगा गया. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई थी और भुगतान के संबंध में इंस्ट्रक्शन लेने के निर्देश देते हुए आज सुनवाई रखी थी. आज सरकार/बोर्ड की ओर से शपथपत्र देकर चुनाव आयोग की अनुमति और बोर्ड बैठक की बात दोहराई. परिसमापक, मजदूरों आदि पक्षकारो की ओर से इस पर आपत्ति ली गई. सभी के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने उक्त आदेश दिए. अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी. अब गेंद सरकार के पाले में है.