कौशल विकास और उद्यमिता में क्रांति लाने के लिए आईआईएम इंदौर ने मिलाया एनएसडीसी से हाथ

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भारत में कौशल विकास और उद्यमिता के परिदृश्य को आगे बढ़ाने की दिशा में आईआईएम इंदौर ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी/National Skill and Development Corporation) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता कौशल विकास में उत्कृष्टता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक साहसिक प्रतिबद्धता दर्शाता है। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय और एनएसडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री वेद मणि तिवारी द्वारा 6 सितंबर, 2023 को समझौता ज्ञापन पर ऑनलाइन हस्ताक्षर हुए। यह भारत में कौशल विकास, उद्यमिता और अनुसंधान को नए रूप से परिभाषित करने और संरेखित करने पर केन्द्रित है। दोनों संस्थानों के दृष्टिकोण और देश के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने के लिए उनकी सामूहिक शक्ति का लाभ उठाते हुए एक साथ हाथ मिलाया है।

आईआईएम इंदौर का दृष्टिकोण सिर्फ अकादमिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है; यह पूरे देश के परिवारों के लिए आजीविका के अवसरों और आय के स्तर को बढ़ाने के बारे में है। प्रो. राय ने इस बात पर जोर दिया कि यह सहयोग एक सामाजिक प्रभाव के लिए मॉडल बनाएगा जो नवीन दृष्टिकोणों को नियोजित करने वाली अग्रणी परियोजनाओं द्वारा समर्थित होगा। ये पहल वंचित क्षेत्रों, समुदायों, व्यक्तियों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को पेशेवर सहायता प्रदान करेगी, जिससे बाजार की सफलता और वृद्धि के लिए कौशल पारिस्थितिकी तंत्र का विकास होगा। इस एमओयू की आधारशिला इसका मजबूत रिसर्च प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना है। उन्होंने कहा, “हम उद्योग की गतिशीलता और हितधारकों की जरूरतों के बारे में गहन जानकारी हासिल करने के लिए सर्वेक्षण और गुणात्मक अनुसंधान विधियों को शामिल करते हुए जॉइंट रिसर्च शुरू करेंगे।” यह तालमेल उद्योग के रुझानों की पहचान करेगा, कमियों को पहचानने में मदद करेगा और रणनीतिक निर्णय लेने में मार्गदर्शन के लिए डेटा एकत्र करेगा।

इसके अलावा, साझेदारी सामाजिक और ग्रामीण उद्यमिता के विकास पर जोर देती है, और इसके लिए सामाजिक/ग्रामीण उद्यमिता इनक्यूबेटर (Rural/Social Incubator) की स्थापना होगी। इस इनक्यूबेटर का लक्ष्य नैनो-एंट्रेप्रेन्योर के लिए स्किल-बेस्ड क्रेडिट स्कोरिंग पर विशेष ध्यान देने के साथ किफायती क्रेडिट तक पहुंच का विस्तार करना है। प्रो. राय ने कहा, “हम बाजार की मांग के अनुरूप स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम डिजाइन करेंगे, और मेंटरशिप और इनक्यूबेशन सपोर्ट सिस्टम को सामाजिक उद्यमों, सहकारी समितियों और एसएमई तक बढ़ाया जाएगा।” इससे आईआईएम इंदौर के विद्यार्थियों को सोशल इंटर्नशिप में भाग लेने, रूरल मार्केटिंग, एसएचजी-सहकारिता को बढ़ावा देने और सामाजिक परिवर्तन को समझने और इनमें सक्रिय रूप से शामिल होने का अतिरिक्त अवसर मिलेगा।

तिवारी ने भी आईआईएम इंदौर के साथ इस साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने नवप्रवर्तकों और सामाजिक उद्यमियों की सफलता की कहानियों को प्रचारित करने की योजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “साझेदारी का लक्ष्य सभी को प्रेरित करना और निवेशकों और भागीदारों से समर्थन आकर्षित करना है। इससे एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र बनेगा जो जमीनी स्तर के नवाचारों और सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देगा। इससे सकारात्मक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हो सकेगा।” यह सहयोग विशेष रूप से आदिवासी महिलाओं के लिए बाजार संपर्क, विपणन, निर्यात प्रोत्साहन, नेतृत्व और उद्यमशीलता प्रोत्साहित करने वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर भी जोर देता है। तिवारी ने आईआईएम इंदौर के पाठ्यक्रमों की सराहना की, जो व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाने पर केन्द्रित हैं और समावेशी विकास को बढ़ावा देते हैं।

रिसर्च और डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में यह साझेदारी डेटा एनालिटिक्स और एआई-आधारित अनुशंसाओं, व्यावसायिक प्रक्रियाओं और निर्णय लेने के अनुकूलन में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेगी। इसके एक महत्वपूर्ण पहलू में प्रभाव मूल्यांकन ढांचे का निर्माण शामिल है जो मात्र डेटा से परे, व्यक्तियों पर वास्तविक प्रभाव को उजागर करता है।

यह साझेदारी तीन साल की अवधि के लिए वैध है। इसके अंतर्गत एनएसडीसी की विशेष प्रभाव परियोजनाएं भी शामिल हैं जो समाज के सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित वर्गों और सीमावर्ती क्षेत्रों को लक्षित करती है।

राष्ट्र-निर्माण के लिए प्रतिबद्ध, आईआईएम इंदौर का एनएसडीसी के साथ गठबंधन भारत में सकारात्मक बदलाव लाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की एक अटूट दृष्टि के साथ अनुसंधान, कौशल विकास, उद्यमिता और सामाजिक प्रभाव को अपनाने वाली एक उत्कृष्ट साझेदारी का प्रतीक है।