विपिन नीमा
इंदौर में मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। एक तरफ से प्रोजेक्ट के प्रथम चरण की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। ट्रायल रन के लिए गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर तक 5 किलोमीटर का हिस्सा लगभग तैयार हो चुका है। इंदौर – भोपाल में मेट्रो को पटरी पर दौड़ाने के लिए तेजी से काम हो रहा है। ट्रायल रन के लिए मेट्रो के तीन डिब्बों का सेट अगले माह इंदौर पहुँच रहा है। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने सितंबर में ट्रायल रन करने की समयसीमा तय की है। सीएम शिवराज सिंह इसका उद्घाटन कर सकते हैं। गांधीनगर डिपो में गांधीनगर डिपो में टेस्ट ट्रैक का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गए हैं। परीक्षण ट्रैक की लंबाई 960 मीटर है। इसमें से 760 मी ट्रैक बिछ चुका है ।
गांधी नगर डिपो पऱ 760 मी परीक्षण ट्रेक के लिए स्लीपर बिछाया
मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के तहत सुपर प्राॅयोरिटी कॉरिडोर पर स्टेशन का काम तेजी से चल रहा है। यह एकमात्र स्टेशन है, जहां तीन लेन बनाई जा रही हैं। दो लेन आने-जाने की और एक लेन डिपो से कनेक्ट होगी। पहले चरण के तहत सुपर कॉरिडोर पर 5.9 किमी के प्राॅयोरिटी कॉरिडोर पर सितंबर 2023 में ट्रायल रन किया जाना है। अभी यहां 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसी तरह गांधी नगर डिपो में परीक्षण ट्रैक पर कार्य जल्द ही शत-प्रतिशत पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है.।परीक्षण ट्रैक की कुल लम्बाई 960 मीटर है। 21 जुलाई तक लगभग 760 मीटर ट्रैक बिछ चुका है। डिपो में ही लोडिंग – अनलोडिंग, निर्माणाधीन इंस्पेक्शन वे, स्टेब्लिंग लाइन, ऑक्जिलरी सब स्टेशन, रिसीविंग सब स्टेशन, एडमिन व कंट्रोल बिल्डिंग, यार्ड लाइन
का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है।
सभी वायडक्ट के सेगमेंट कास्टिंग का कार्य भी 81% पूर्ण
इंदौर मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर नित नए आयाम स्थापित कर रहा है । ताजा जानकारी के मुताबिक वायडक्ट पर पटरी बिछाने के कार्य में तेजी चल रहा है। अब तक लगभग 3.3 किलोमीटर का कार्य पूर्ण हो चुका है। सभी वायडक्ट के
सेगमेंट कास्टिंग का कार्य 81% पूर्ण हो चुका है। मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक वायडक्ट के सेगमेंट कास्टिंग का कार्य अगले 15 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।
दिव्यांग यात्रियों की यात्रा होगी सुगम और आरामदायक
मध्य प्रदेश मेट्रो कंपनी ने मेट्रो में सफर करने वाले दिव्यांग यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। मेट्रो कम्पनी के मुताबिक मेट्रो में दिव्यांग यात्रियों को व्हीलचेयर उपलब्ध कराई जाएगी। इसी के साथ यात्रियों के एंट्री और एग्जिट के लिए स्वतः फ्लैप गेट रहेंगे। ताकि उन्हें मेट्रो में चढ़ने और उतरने में किसी तरह की परेशानी ना हो । इंदौर मेट्रो ने यात्रियों की अग्नि सुरक्षा के लिए, HL3 सुरक्षा सुविधाओं को अपनाया जाएगा।
लाइटिंग के लिए एडवांस सिस्टम का इस्तेमाल होगा
इंदौर मेट्रो में ऊर्जा बचत सुविधायें रहेगी जैसे एम्बिएंट लाइट सेंसिंग तथा स्मार्ट लाइटिंग कंट्रोल आदि शामिल है। बताया गया है की मेट्रो रेल सेवा में लाइटिंग के लिए एक एडवांस सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमे कोच की लाइटिंग का लेवल नेचुरल लाइट के हिसाब से अलग- अलग होगा I इसके साथ ही ट्रेन की खिड़कियों पर पराबैंगनी (यूवी) किरणों के प्रवेश को रोकने के लिए फिल्म होगी।
सीसीटीवी कैमरे, कोच के अंदर और बाहर लगाए जाएंगे
आज के आधुनिक युग में जहां सुरक्षा सर्वोपरि है, सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे महत्वपूर्ण हैं। सभी सुरक्षा मापदंडों को ध्यान में रखते हुए इंदौर मेट्रो रेल ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे कोच के अंदर और बाहर लगाए जाएंगे I जिनका उपयोग आपात स्थिति में यात्रियों की गिनती, ट्रेक पर नजर रखने, पहचान के लिए किया जाएगा साथ ही ट्रेन में लावारिस बैग और कैमरा टेम्परिंग का पता लगाने के लिए होगा I इसी प्रकार हर कोच में कुल 8 द्वार होंगे, चार एक तरफ और चार दूसरी तरफ। इसके साथ ही ट्रेन के दोनों डीएमसी कोचों में एक इमरजेंसी गेट होगा जिसे आगे की तरफ डिटेनमेंट डोर कहा जाता है, जिसे किसी आपात स्थिति में यात्रियों के निकलने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है I