अर्जुन राठौर
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कर्नाटक में अमूल दूध को लेकर बड़ा हंगामा चल रहा है जिस अमूल दूध का हर राज्य में स्वागत हुआ है और लोग अमूल के ब्रांड को सबसे अधिक गुणवत्ता वाला मानते रहे हैं ऐसी स्थिति में सवाल यही उठता है कि कर्नाटक के लोग अमूल का इतना विरोध क्यों कर रहे है ?
अमूल की कर्नाटक में एंट्री से कर्नाटक के लोगों को किस तरह का खतरा है यह भी जानना बेहद जरूरी है और कहा तो यह भी जा रहा है कि गुजरात का प्रसिद्ध ब्रांड होने से अमूल के खिलाफ जबरन नेगेटिव माहौल बनाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में नंदनी ब्रांड दूध और उसके प्रोडक्ट सबसे ज्यादा बिकते हैं पूरे कर्नाटक में नंदिनी का ही वर्चस्व है और सबसे बड़ी बात यह है कि इसका टोंड मिल्क मात्र 39 रूपए लीटर में मिल जाता है जबकि यही टोंड मिल्क अमूल ब्रांड का दिल्ली में 52 रुपए लीटर में बिक रहा है ऐसी स्थिति में कर्नाटक वालों को इस बात का खतरा लग रहा है कि कहीं अमूल के कारण उन्हें महंगा दूध नहीं पीना पड़े ।
अमूल की आक्रामक मार्केटिंग के कारण नंदनी से उसका बाजार छीन लिया जाए और बाद में अमूल अपने प्रोडक्ट के भाव लगातार बढ़ाता चला जाए । नंदिनी सबसे भरोसेमंद ब्रांड है और कर्नाटक के लोग किसी भी कीमत पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है उनका कहना है कि वे अमूल को किसी भी कीमत पर कर्नाटक में घुसने नहीं देंगे और वहां के नागरिकों के विरोध के बाद होटल वालों ने भी यह घोषणा कर दी है कि वे भीअमूल ब्रांड का दूध और अन्य सामान नहीं लेंगे ।
सोचने वाली बात यह भी है कि इस समय पूरे देश में दूध ₹55 से ₹68 लीटर में बिक रहा है ऐसी स्थिति में नंदिनी का दूध ₹39 लीटर में उपलब्ध होना बहुत बड़ी बात है । इंदौर में ही देखा जाए तो अमूल का गोल्ड दूध ₹68 लीटर तक बिक रहा है । दूध के बढ़ते भावों के कारण आम जनता वैसे भी परेशान है और जिस देश में सर्वाधिक दूध का उत्पादन होता था वहां पर दूध की बढ़ती किल्लत और बढ़ते हुए भावों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया की आखिर दूध में ऐसा हुआ क्या है ? हाल ही में यह भी पता चला है कि सरकार बड़े पैमाने पर दूध पाउडर आयात करने वाली है जबकि कुछ माह पहले तक दूध पाउडर का कई देशों को निर्यात किया जाता था ।