आज संकष्टी चतुर्थी व्रत पर बन रहा बेहद दुर्लभ संयोग, इस विधि से करें भगवान श्री गणेश की विशेष पूजा, मिलेगा दुगुना लाभ

Simran Vaidya
Published on:

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैशाख माह का आगाज 07 अप्रैल से हो गया है। हिंदू कैलेंडर में 15 दिन कृष्ण पक्ष और 15 दिन शुक्ल पक्ष का होता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते है। वैशाख संकष्टी चतुर्थी का व्रत 9 अप्रैल दिन रविवार को पड़ रहा है। ज्योतिष एक्सपर्ट्स के अनुसार इस दिन भद्रा का साया मंडरा रहा है लेकिन ​इसी के साथ एक बेहद ही दुलभ संयोग भी बन रहा हैं। अब ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि ये भद्रा स्वर्ग, पाताल या पृथ्वी में से कहां पर है। पाताल और स्वर्ग की भद्रा का असर पृथ्वी पर नहीं होता है।

वैशाख संकष्टी चतुर्थी 2023

Aaj ka Panchang 09 April 2023: मासिक गणेश चतुर्थी व्रत आज, पंचांग से जानिए  शुभ मुहूर्त और योग का समय - Aaj ka Panchang 09 April 2023 shubh muhurat  today rahu kaal

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, 9 अप्रैल को प्रातकाल 09:35 बजे से वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी और यह 10 अप्रैल को सुबह 08:37 बजे तक माननीय रहेगी। वैशाख संकष्टी चतुर्थी व्रत 9 अप्रैल को रखा जाएगा।

Also Read – आज इन 5 राशियों की जाग उठेगी सोई हुई किस्मत, व्यापार में होगी मनचाही तरक्की, परीक्षा में मिलेंगे अच्छे परिणाम, देखें अपना राशिफल

वैशाख संकष्टी चतुर्थी 2023 पूजा मुहूर्त

संकष्टी चतुर्थी कब है 9 या 10 अप्रैल 2023 शुभ मुहूर्त व्रत पूजा विधि महत्व  | Ganesh Chaturthi kab ha - YouTube

वैशाख संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन आप प्रातकाल 09:13 बजे से दोपहर 12:23 बजे के दौरान गणेश जी की पूजा कर सकते हैं। यह व्रत और पूजा रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के पश्चात ही पूर्ण होती है। इस दिन चंद्रमा का उदय रात्रि10:14 बजे होगा। इस दिन सिद्धि योग प्रातःकाल से रात्रि 10:14 बजे तक है। सिद्धि योग पूजा पाठ के लिए काफी शुभ योग है।

वैशाख संकष्टी चतुर्थी पर करें श्री गणेश की पूजा

Vaishakh Sankashti Chaturthi 2023: वैशाख संकष्टी चतुर्थी पर बना है सिद्धि  योग, जानें पूजा मुहूर्त - News Nation

रविवार 9 अप्रैल को जो लोग वैशाख संकष्टी चतुर्थी का उपवास रखेंगे, वे गणेश जी की पूजा विधिपूर्वक इस पूजा में गणपति बप्पा को दूर्वा, सिंदूर, हल्दी, लाल पुष्प और मोदक अवश्य चढ़ाएं। मोदक भोग के अतिरिक्त बूंदी के लड्डुओं का भोग भी लगा सकते हैं। इस दिन मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ओम गं गणपतये नमो नम: मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने और गणेश जी की पूजा करने से जातक के जीवन के अनेकों संकट और कष्ट समाप्त हो जाते हैं। मनुष्य जीवन में विभिन्न तरह के संकट, विघ्न और बाधाएं दूर हो जाती हैं। गणपति बप्पा की कृपा से सब कार्य शुभ और सफल होते हैं।

इस मंत्र का करें जप

Sankashti Chaturthi 2023:कब है विकट संकष्टी चतुर्थी? जानें तिथि, पूजा विधि  और शुभ मुहूर्त - Sankashti Chaturthi 2023 Date Puja Vidhi Shubh Muhurat And  Mahatva In Hindi - Amar Ujala Hindi News Live

वैशाख संकष्टी चतुर्थी में वक्रतुंड गणेश की पूजा की जाती है। गणेशजी के सभी स्वरूपों में वक्रतुंड गणेश शीघ्र ही अपनी कृपा प्रदान करते हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। इस दिन कमलगट्टे के हलवे का भगवान गणेश को प्रसाद जरूर चढ़ाना चाहिए और स्वयं भी भगवान् गणेश को लगे भोग का सेवन भी करना चाहिए। इस उपवास में 108 बार इस मंत्र का जप करें। ‘वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा मंत्र’ का जप जरूर करें।