कब है शीतला अष्टमी, जानें बसौड़ा पूजन का महत्व, इस विधि से करें माता की विशेष पूजा अर्चना , बीमारियां रहेगी कोसों दूर

Simran Vaidya
Published on:

Sheetala Mata Puja: हिंदू मान्यता के मुताबिक चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को शीतला माता की पूजा का विधान है। होली के 6 दिन बाद शीतला अष्टमी का पर्व विशेष अर्चना के साथ मनाया जाता है। जानें शीतला माता की पूजा का महत्व।

बसौड़ा पूजा सामग्री | शीतला सप्तमी/अष्टमी पूजा सामग्री | Sheetala Ashtami 2021 | बसौड़ा तिथि मुहूर्त - YouTube

हिंदू धर्म शास्त्र में अनेक देवी-देवता उपस्थित हैं।यहां हर देवी देवता की खास और विशेष पूजा पाठ का महत्व है। इन्हीं में से एक है शीतला देवी। विवाह आदि से पहले शीतला माता की पूजा का विधान है। वहीं, होलिका पूजन के ठीक 6 दिन बाद शीतला माता की पूजा की जाती है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि के दिन शीतला अष्टमी पर्व मनाया जाता है। इस दिन बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। इसलिए इसे बसौड़ा, बसोरा आदि के नाम से भी जाना जाता है।

Sheetala Ashtami 2022: 25 मार्च को शीतला अष्टमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि - Sheetala Ashtami 2022 Shubh Muhurat Puja Vidhi and know why maa sheetla enjoys stale food basoda ashtami

शीतला सप्तमी को बसौड़ा पूजन भी कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। शीतला अष्टमी का त्योहार होली से ठीक आठ दिन बाद आता है। इस साल शीतला अष्टमी 15 मार्च 2023 को मनाई जाएगी।

sheetala ashtami 2022 puja Shubh muhurat know what bhog is offered | Sheetala Saptami: शीतला सप्तमी पर माता को लगाएं इन चीजों का भोग, ऐसे करिए पूजा अर्चना | Hindi News, sawai-madhopur

शास्त्रों के मुताबिक इस दिन देवी को भोग में ठंडे पकवान चढ़ाएं जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि शीतला माता की पूजा करने से शीतजन्य रोग जैसे चेचक, खसरा आदि जैसे बीमारियां नहीं होती हैं। चलिए जानते हैं इस बार कब की जाएगी देवी शीतला की पूजा और पूजन विधि के विषय में जानकारी।

Sheetala Ashtami 2022: शीतला अष्टमी 25 मार्च को, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त, शीतला माता की महिमा व व्रत महत्व - Sheetala Ashtami 2022: Sheetala Ashtami on March 25, know the auspicious

हिंदू धार्मिक पंरपराओं के मुताबिक शीतला माता की पूजा 2 दिन तक की जाती है। कहीं चैत्र माह की सप्तमी तिथि के दिन शीतला माता की पूजा की जाती है, तो कहीं चैत्र माह अष्टमी तिथि के दिन ये पूजा होती है। इन्हें शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि इस बार शीतला सप्तमी 14 मार्च और शीतला अष्टमी 15 मार्च को मनाई जाएगी।

इस विधि से करें पूजा

Sheetala Ashtami 2020 Kab Hai Sheetala Ashtami Bhog Thali Samagri HISD | Sheetala Ashtami 2020 Kab Hai : शीतला अष्टमी से एक दिन पहले ऐसे तैयार करें भोग की थाली | Hari Bhoomi

  • व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके इस मंत्र मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धियेशीतला सप्तमी/अष्टमी व्रतं करिष्ये व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद शीतला माता की पूजा करें। उन्हें जल चढ़ाएं, अबीर अर्पित करें, गुलाल, कुमकुम आदि चीजें भी चढ़ाएं। इसके साथ ही खाद्य पदार्थ, मेवे, मिठाई, पूआ, पूरी, दाल-भात आदि का भोग लगाएं और फिर मां की परिक्रमा करें।
  • इस दौरान इस बात का खास ध्यान रखें कि शीतला माता की पूजा में दीपक न जलाएं और न ही अगरबत्ती जलाएं. ऐसा करने से इसलिए मना किया जाता है कि देवी शीतला ठंडी प्रवृति की होती हैं ऐसे में इनके पूजन में दीपक का प्रयोग वर्जित होता है।
  • पूजा के बाद शीतला स्तोत्र का पाठ करें। शीतला माता की कथा सुनें। दिनभर शांत भाव से सात्विकता पूर्ण रहें. इस दिन व्रती को और परिवार के किसी भी सदस्य को गर्म भोजन नहीं करना चाहिए।