- कलेक्टर मनीष सिंह की पहल पर आज नमकीन निर्माताओं का हो रहा है सम्मेलन।
- मिलावट मुक्त नमकीन बनाने का दिया जाएगा प्रशिक्षण, अब नमकीन निर्माता संघ मिलावट करने वालों पर खुद ही रखेगा नजर।
इंदौर के नमकीन की पहचान सिर्फ भारत भर में ही नहीं विदेशों में भी है। इंदौर के नमकीन की देश के कई राज्यों सहित विदेशों में भी अच्छी मांग है। लेकिन जैसे-जैसे नमकीन उद्योग इंदौर में बढ़ता गया कई नमकीन निर्माताओं ने इसमें मिलावट का भी जहर घोलना प्रारंभ कर दिया। ज्यादा फायदा कमाने और फ्लेवर के लिए तिवडे सहित हल्के तेल और अन्य वैकल्पिक खाद्य पदार्थों की मिलावट भी नमकीन और चिप्स में की जाने लगी। यह सब नमकीन उद्योग में प्रतिस्पर्धा के चलते हुआ। कभी किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया कि इंदौर के नमकीन की गुणवत्ता की भी पहचान बने।
प्रदेश सरकार द्वारा मिलावट के खिलाफ प्रारंभ किए अभियान के के तहत जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने इस ओर सकारात्मक पहल की। उन्होंने जानकारी जुटाई की इंदौर में चिप्स और नमकीन बनाने के कारोबार में कितने लोग मिलावट का जहर घोल रहे हैं। इसके तहत जहां उन्होंने कई नमकीन उद्योगों पर कार्यवाही की वहीं उन्होंने नमकीन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भी पहल प्रारंभ की। इसी के तहत नमकीन उद्योग इकाइयों को खाद्य सुरक्षा की जानकारी देने के लिए आज दोपहर 2 बजे ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर सेंटर में सम्मेलन आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में चिप्स और नमकीन बनाने वाली इकाइयों को नियम कानून और खाद्य सुरक्षा के मापदंडों की जानकारी दी जाएगी साथ ही यह भी सुनिश्चित कराया जाएगा कि इंदौर की छवि के अनुरूप पूरी गुणवत्ता के साथ यहां चिप्स नमकीन का निर्माण सुनिश्चित हो। प्रशिक्षण देने के लिए खाद्य सुरक्षा कानून के एक्सपर्ट को भी बुलाया गया है।