राजेश राठौर
इंदौर :डेली कॉलेज के चुनाव में पलटवार भी हो सकता है। ऐसा कोई मानने को तैयार नहीं था, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते गए, बात बनती गई। यदि युवा पारिख और गुप्ता की पैनल का साथ देते, तो बात कुछ और होती।
चुनाव के लिए यशवंत क्लब से निकल कर संदीप पारिख ने एक साल पहले से वोटरों से मिलना शुरू कर दिया था। उसके बाद लगातार सिलसिला बना रहा। पारिख को जीत दिलाने में उनके रिश्तेदारों की भूमिका सबसे खास रही। दूसरा उनका सहज, सरल व्यवहार भी असर कर गया। देवराजसिंह इस भरोसे थे कि धीरज लुल्ला को जो वोट मिलेंगे, वो तो मुझे भी मिलेंगे ही, लेकिन लुल्ला की पकड़ डेली कॉलेज में बारह महीने की है और सदस्यों से सीधा संवाद लुल्ला का ही था, इसलिए सबसे ज्यादा वोट कबाडऩे में लुल्ला कामयाब रहे। लुल्ला के अलावा दिव्या गुप्ता की बात करें तो उन्होंने सबसे ज्यादा आक्रामक चुनाव लड़ा, लेकिन वो चुनाव नहीं जीत पाईं। गुप्ता के बारे में कहा जा रहा था कि वे डेली कॉलेज के तमाम मामले उजागर करेंगी, इसलिए राजा-महाराजा गुट भी गुप्ता के साथ नहीं था। युवाओं ने सबसे ज्यादा धोखा दिया। स्टूडेंट्स और यूथ वोटर लुल्ला और बडगरा के साथ थे। हालांकि ये बात भी सही है कि दिव्या गुप्ता तीन-चार महीने पहले की बजाय सालभर पहले सक्रिय हो जातीं, तो परिणाम बदल सकते थे। अब डेली कॉलेज की राजनीति में बर्तनों के बजने की आवाज आती रहेगी। चेयरमैन से लेकर प्रिंसिपल कौन किस गुट में रहेगा, ये आने वाला समय बताएगा, लेकिन संदीप पारिख ने चुनाव जीतने के बाद कहा कि मैं विकास के मामले में सबसे आगे रहूंगा। डेली कॉलेज में शिक्षा और अनुशासन पर सबसे ज्यादा ध्यान दूंगा।
डेली कॉलेज में पारिख की जीत चौंकाने वाली
बडगरा को हराकर संदीप पारिख जीते
पंद्रह साल बाद डेली कॉलेज में हुए चुनाव में सालभर से फिल्डिंग जमा रहे संदीप पारिख ने चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया। धीरज लुल्ला सबसे ज्यादा वोट लाकर जीते और अपना वर्चस्व कायम रखा।
डेली कॉलेज के ओडीए कैटेगरी के दो संचालकों के चुनाव में धीरज लुल्ला और देवराजसिंह बडगरा का मुकाबला संदीप पारिख और दिव्या गुप्ता से था। संदीप सालभर पहले से लगे हुए थे। तीन महीने पहले दिव्या गुप्ता उनके साथ हो गईं। दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा। कल रात को ढाई बजे तक चली वोटिंग में सबसे ज्यादा वोट धीरज लुल्ला को 1843 मिले, दूसरे नंबर पर जीते संदीप पारिख को 1660 मिले, तीसरे नंबर पर मात्र 13 वोट के कारण देवराजसिंह बडगरा 1647 वोट लाने के बाद भी चुनाव हार गए। चौथे नंबर पर दिव्या गुप्ता को 1515 वोट मिले। रात तक चली मतगणना के दौरान लगभग तीस वोटों की गिनती को लेकर देवराजसिंह और धीरज लुल्ला ने आपत्ति उठाई थी, लेकिन चुनाव अधिकारी तहसीलदार राजेश सोनी ने आपत्ति खारिज कर दी और सारे वोट गिनाए गए। डेली कॉलेज में अब न्यू डोनर्स कैटेगरी से जीते मोनू भाटिया ने भी अपना वजूद कायम रखा। मोनू, लुल्ला और बडगरा के साथ हैं। मोनू भाटिया से हारे मानवीरसिंह बायस, गुप्ता और पारिख पैनल से थे। अब डेली कॉलेज की राजनीति में बदलाव आएगा। संदीप पारिख और प्राचार्य नीरज बड़ोतिया एक साथ रहेंगे।