दुनिया में अब work-from-home की डिमांड बहुत ज्यादा हो गई है। यह डिमांड कोरोना वायरस के बाद से शुरू हुई है। जिसके बाद आप कई कंपनियां घर बैठे रोजगार दे रही है, क्योंकि इससे जितना लाभ कंपनी को हो रहा है, उससे कही लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। कंपनी की इनकम में भी बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि एक तरफ तो ऑफिस का खर्चा, लाइट, मेंटेनेंस ऐसी बहुत सारी चीजें का खर्चा बच गया है और घर बैठे व्यक्ति को काम मिलने से कंपनी का भी काम हो जाता है। जिसके चलते आज ऑनर और एम्पलाई दोनों के लिए वर्क फ्रॉम होम बहुत ही अच्छा विकल्प साबित हो रहा है। अब वाणिज्य मंत्रालय नहीं वर्क फ्रॉम होम को लेकर नए नियम जारी किये है।
जी हां, आपको बता दें कि वाणिज्य मंत्रालय ने 1 साल के लिए वर्क फ्रॉम होम की स्वीकृति दे दी है। इससे करीब 50% कर्मचारी लाभांवित हो रहे हैं। हालांकि यह सुविधा एक विशेष आर्थिक क्षेत्र इकाई में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है। कोरोना वायरस के बाद work-from-home की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है। जिसके बाद वर्क फ्रॉम होम के प्रावधानों को लेकर भी लगातार मांग की जा रही हैं। इसी बात को देखते हुए अधिसूचना भी जारी की गई है और सरकार के द्वारा कहा गया है कि SEZ के लिए समान रूप से WFH नीति लागू करने की मांग उठाई जा रही है।
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SEZ में किसी इकाई के कर्मचारियों की एक निश्चित श्रेणी पर वर्क फ्रॉम होम का यह नियम लागू होगा। लेकिन SEZ इकाई के IT/ ITES के कर्मचारी इससे लाभांवित हो सकते है उन्हें इसका लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं स्थाई रूप से अक्षम या फिर जो यात्रा कर रहे हैं और दूर से काम करने वाले कर्मचारियों पर भी यह नियम लागू होंगे। लेकिन वर्क फ्रॉम होम की यह सुविधा 50% कर्मचारियों को ही मिलेगी और इसमें कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी भी रहेंगे।
इस दौरान डीसी को 50% से अधिक को मंजूरी देने का अधिकार होगा पर इसके लिए लिखित में देना होगा। वर्क फ्रॉम होम के लिए 1 साल की अनुमति दी गई है। लेकिन अनुरोध पर इसे एक बार में 1 साल की अवधि की वृद्धि की जा सकती हैं।