कांग्रेस के शासन काल में सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने प्रोटोकॉल के नाम पर नगर में सत्ता के मद में मदमस्त कांग्रेस नेताओं से बहुत सी लड़ाइयां लड़ी, मदमस्त कांग्रेस नेताओं के सामने हताश होते भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार किया और प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई तो सांसद महोदय अंतर्ध्यान हो गए।
सबके मन में सवाल था कि आखिर सांसद महोदय है कहां? कांग्रेस शासन काल में सांसद की सक्रियता से इन्कार नहीं और भाजपा शासन काल में सांसद की जनता के बीच उपस्थिति ना के बराबर रही है। भाजपाई राजनीतिक चौपालों पर यदा-कदा यह सुनने को जरूर मिल जाया करता था कि सांसद देवास में होते हैं तो “आनंद भवन पैलेस” पर उपस्थिति जरूर लगाते हैं।
इसके पीछे भाजपा चौपालों पर तर्क दिए जाते है कि “आनंद भवन पैलेस”देवास की जनता में समाहित है और देवास की जनता भावनात्मक रूप से “आनंद भवन पैलेस”में समाहित है, इसलिए आनंद भवन पैलेस पर उपस्थिति दर्ज हो जाना, देवास की जनता के बीच उपस्थित हो जाने के समान ही है।
@डा. अनिल जोशी