भोपाल। फर्जी डिग्री (Fake Degree) बेचने और खरीदने वालों का खुलासा धीरे-धीरे हो रहा है। इसी कड़ी में अब हैदराबाद पुलिस (Hydrabad police) ने फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने वाले रैकेट में शामिल आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर केतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि, इस रैकेट में अब तक 10 जालसाज गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं हैदराबाद पुलिस सिटी कमिश्नर सीवी आनंद ने कहा कि केतन सिंह की पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह रैकेट का छोटा एजेंट है।
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उन्होंने बताया कि, विश्वविद्यालय (University) में शीर्ष पदों पर पदस्थ लोग भी इस रैकेट में शामिल हैं। उन्हें धोखाधड़ी के बारे में पूरा पता था। आपको बता दें कि, फर्जी डिग्री देने के बदले में मोटी रकम मिलती थी। केतन को ग्राहकों से मिली रकम का केवल 10 प्रतिशत ही उसे मिलता था। कमिश्नर सीवी आनंद ने कहा कि, विश्वविद्यालय के दूसरे लोग बाकी का पैसा रख लेते हैं। केतन ने 29 फर्जी डिग्रियां दी हैं। साथ ही पुलिस आयुक्त ने बताया कि रैकेट में शामिल प्रकाश सैनी नाम के एजेंट ने स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के 44 प्रमाण दिए हैं। अब तक 22 को जब्त कर लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार यह रैकेट उन छात्रों को टार्गेट करता है, जो फेल हो चुके हैं या जो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही कमिश्नर ने कहा कि पुलिस ने इन लोगों से बड़ी संख्या में फर्जी सर्टिफिकेट और अन्य सामान बरामद किए हैं। बता दें कि, इस बड़ी कार्रवाई को हैदराबाद पुलिस कमिश्नर की टास्क फोर्स, नॉर्थ जोन टीम ने भोपाल पुलिस के साथ मिलकर अंजाम दिया है।
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दरअसल, पुलिस टीम (Police team) ने आसिफ नगर पुलिस थाना हैदराबाद के मेहदीपटनम में छापा मारकर रैकेट के सदस्यों को पकड़ा था। जिसके बाद अब उनकी निशानदेही पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) से प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि, पुलिस ने इनके पास से मदुरै कामराज विवि की 178, मद्रास विवि की 23, आरकेडीएफ की 29, स्वामी विवेकानंद विवि की 44 सर्टिफिकेट बरामद किए हैं।
हैदराबाद पुलिस (Hydrabad Police) ने बताया कि, गुंटी महेश्वर राव और अंचा श्रीकांत रेड्डी मेहदीपटनम, हैदराबाद में प्राइड एजुकेशन एकेडमी के नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोल रखा था। इसका जुड़ाव राजधानी भोपाल (Bhopal) की सर्वपल्ली राधाकृष्णन यूनिवर्सिटी (RKDF), सागर की स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी से था। आरोपी इन्हीं यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट बनवाकर छात्रों को देते हैं। गुंटी महेशवर राव और अंचा श्रीकांत रेड्डी ने आरकेडीएफ के असिस्टेंट प्रोफेसर केतन सिंह के साथ मिलकर सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ लिंक बनाए। इसके बाद रैकेट फर्जी सर्टिफेट बेचना शुरू कर दिया।
रैकेट में शामिल जालसाज फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट के लिए रेट लिस्ट भी बना रखी थी। फर्जी बी.टेक डिग्री सर्टिफिकेट के लिए ये छात्रों से 3 लाख रुपये वसूलते थे। साथ ही बीकॉम और बीए के लिए 1.5 लाख रुपये लेते थे और बीएससी के लिए ये 1.75 लाख रुपये। एमबीए के लिए 2.75 लाख रुपये वसूले जाते हैं। भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने बताया कि तीन दिन पहले हैदराबाद पुलिस भोपाल आई थी। फर्जी सर्टिफिकेट से जुड़ा मामला था। पुलिस आयुक्त ने बताया कि रैकेट में शामिल प्रकाश सैनी नाम के एजेंट ने स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के 44 प्रमाण दिए हैं। अब तक 22 को जब्त कर लिया गया है।