नई दिल्ली : दुनिया के अनेक देशों में कोविड-19 की महामारी फैली हुई है। इसलिए वहां की आबादी को वायरस से सुरक्षा प्रदान करने के लिए वैक्सीनेशन अभियान को गति दी जा रही है। अफ्रीका में वैक्सीनेशन के प्रयासों को मजबूत करने और सर्वश्रेष्ठ विधियां साझा करने तथा ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए नैटहैल्थ – हैल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अफ्रीका हैल्थकेयर फेडरेशन के सहयोग से शुक्रवार, 11 फरवरी, 2022 को इंडो-अफ्रीका वैक्सीन समिट का वर्चुअल आयोजन किया।
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इस समिट में भारत और अफ्रीका के गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया और भविष्य में इमरजेंसी तथा महामारी के खिलाफ खुद को मजबूत करने का फ्रेमवर्क प्रस्तुत करने के बारे में विचार-विमर्श किया। डॉ. हर्ष महाजन, प्रेसिडेंट, नैटहैल्थ ने कहा, ‘‘कोविड-19 एक वैश्विक समस्या है। आज सबको विकासशील देशों के साथ मिलकर उनके वैक्सीनेशन अभियान में मदद देने की जरूरत है ताकि वायरस के खिलाफ सुरक्षा को बढ़ाया जा सके।
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वैक्सीन की उपलब्धता कम होने के अलावा कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था, अपर्याप्त सप्लाई चेन और वैक्सीन से जुड़ी मिथकें डब्लूएचओ द्वारा निर्धारित वैक्सीनेशन के लक्ष्य पूरा करने की मुख्य बाधाएं हैं। बड़ी आबादी के भिन्न-भिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में फैले होने के कारण लॉजिस्टिक एक बड़ी चुनौती है, लेकिन भारत ने 1.7 बिलियन खुराक प्रदान करने की अपनी क्षमता को साबित कर दिया है।डॉ. अमित ठक्कर, प्रेसिडेंट, एएचएफ ने कहा, ‘‘वैक्सीनेशन कोरोनावायरस के खिलाफ सुरक्षा की सबसे मजबूत दीवारों में से एक है। इसलिए नैटहैल्थ और अफ्रीका हैल्थकेयर फेडरेशन मिलकर उन महत्वपूर्ण तत्वों को संबोधित कर रहे हैं, जिसके कारण अफ्रीका को कोविड वैक्सीनेशन के अपेक्षित स्तर पाने में मुश्किल आ रही है। इस अभियान में भारत की वैक्सीनेशन कार्ययोजना को किस प्रकार इन देशों में दोहराया जा सकता है, इसकी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। हमें उम्मीद है कि इस समिट से अफ्रीकी देशों में वैक्सीनेशन के प्रभावशाली मॉडल्स को प्रमोट करने में मदद मिलेगी।