Valentine Day 2022 : वेलेंटाइन वीक चल रहा है, ये वीक कपल्स (Couples) के लिए काफी काफी मायने रखता है। कहा जाता है कि छुपाने से भी इश्क नहीं छिपाया जाता है। क्योंकि इसे कही भी और किसी भी सरहद में नहीं बांधा जा सकता है। ना ही प्यार धन दौलत या कोई दूसरी चीज़ देखता है। प्यार बस हो जाता है। भले ही फिर वो पास का प्यार हो या समंदर पार। कोई भी सीमाएं प्यार के लिए मायने नहीं रखती है। ये भी कहा जाता है कि प्यार में हारना वाला ही सही मायने में जीत के काबिल रखता है। क्योंकि प्यार में हार जीत की कोई वैल्यू नहीं होती है। प्यार काफी निश्चल और पवित्र होता है।
आपको बता दे, ज्योतिषों का मानना है कि जन्म के साथ ही उसके प्यार के योग भी बन जाते हैं। ऐसे में जब ग्रहों की दशा बदलती है तो मोहब्बत के रिश्ते को आगे बढ़ाकर मंजिल तक आ जाते हैं। ऐसे में कुछ योग ऐसे भी होते है जिसमें घर के पड़ोस में ही प्यार मिल जाता है। तो कभी इतनी दूर मिलता है की उनसे मिलना भी नहीं हो पाता है। कई बार लोग इश्क के जुनून में सभी रिश्ते-नातों को तोड़कर, हर हद को पार कर प्यार में धर्म तक बदल लेते है। दरअसल, कुंडली में कुछ ऐसे योग होते है जो प्यार को जूनून में बदल देते है।
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जब पड़ोसी से प्यार शादी के बंध जाता है –
ज्योतिषों के अनुसार जब कुंडली के तीसरे या चौथे भाव में मंगल और शुक्र का योग हो तो फिर पड़ोस में या फिर ही बिंल्डिंग में रहने वाले से प्रेम हो जाता है। वहीं यदि इसमें भी बृहस्पति केंद्र या त्रिकोण में हो, तो प्रेम संबंध विवाह में बदल जाते हैं। इसके अलावा जब नौवे या दसवे भाग में मंगल और शुक्र की युति अगर कुंडली में है तो प्यार व्यक्ति को कार्यस्थल पर होता है।
जुनून बदल देता धर्म –
बताया जा रहा है कि अगर किसी इंसान की कुंडली में सातवें और नौवें भाव में एक-एक क्रूर ग्रह हो और इन दोनों का किसी और बली ग्रह से कोई संबंध नहीं है तो ऐसा इंसान शादी करने के लिए अपना धर्म भी बदल लेता है। वहीँ अगर सातवें भाव में चंद्रमा, मंगल या शनि की राशि जैसे कर्क, मेष, वृश्चिक, मकर या कुंभ हो और बारहवें भाव में कोई दो क्रूर ग्रह बैठे हो तो इंसान शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लेता है।