ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा और शुक्र दोनों ग्रहों को जीवन में सुख, सौंदर्य और समृद्धि के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। जहां चंद्रमा मन, भावनाओं और मानसिक शांति के कारक हैं, वहीं शुक्र भौतिक सुख, ऐश्वर्य, प्रेम और कला के अधिपति माने जाते हैं। जब ये दोनों ग्रह एक ही राशि में आकर युति करते हैं, तो विशेष प्रकार का राजयोग बनता है, जिसे “वैभव लक्ष्मी राजयोग” कहा गया है। यह योग व्यक्ति के जीवन में वैभव, प्रतिष्ठा, धन और सुख का वरदान लेकर आता है।
कब बन रहा है वैभव लक्ष्मी राजयोग?
वर्तमान में शुक्र ग्रह कन्या राशि में विराजमान हैं, जो कि बुध की राशि है। वे यहां 2 नवंबर तक रहेंगे। वहीं 18 अक्टूबर को चंद्रमा भी कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और 21 अक्टूबर तक वहीं रहेंगे। जब चंद्रमा और शुक्र कन्या राशि में एक साथ होंगे, तब यह वैभव लक्ष्मी राजयोग का निर्माण करेंगे। यह समय विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 20 अक्टूबर को दिवाली और लक्ष्मी पूजन का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में यह योग देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ समय माना जा रहा है। इस योग का प्रभाव तीन राशियों कन्या, मकर और कुंभ पर सबसे अधिक रहेगा।
कन्या राशि पर प्रभाव
कन्या राशि के जातकों के लिए यह योग सौभाग्यशाली साबित हो सकता है। चंद्र-शुक्र की युति आत्मविश्वास और आकर्षण को बढ़ाएगी। जो लोग विदेश यात्रा या उच्च शिक्षा से जुड़े कार्य कर रहे हैं, उनके लिए यह समय सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। विवाहित जातकों के दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ेगा, जबकि अविवाहित लोगों को विवाह प्रस्ताव प्राप्त हो सकते हैं। पेशेवर जीवन में भी प्रगति के अवसर मिलेंगे नए प्रोजेक्ट, प्रमोशन या नेतृत्व की जिम्मेदारी मिलने के योग हैं। लक्ष्मी पूजन के समय कन्या राशि वालों को विशेष फल प्राप्त होगा, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सुधार देखने को मिलेगा। यह योग उनके व्यक्तित्व में निखार और आत्मबल में वृद्धि का संकेत दे रहा है।
मकर राशि पर प्रभाव
मकर राशि के जातकों के लिए यह राजयोग नई शुरुआत का प्रतीक हो सकता है। लंबे समय से रुके कार्य इस अवधि में पूरे होंगे। भाग्य का साथ मिलेगा और मेहनत के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। जो लोग निवेश, रियल एस्टेट या बिजनेस में जुड़े हैं, उनके लिए यह समय नए अवसर लेकर आएगा। किसी बड़े सौदे से आर्थिक लाभ संभव है। वहीं नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन और वेतनवृद्धि का सुख मिल सकता है। शारीरिक रूप से ऊर्जावान महसूस करेंगे, और यात्रा के योग भी बन रहे हैं खासकर विदेश यात्रा की संभावनाएं प्रबल हैं। धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भागीदारी से मान-सम्मान में वृद्धि होगी। प्रतियोगी छात्रों के लिए भी यह समय सफलता का द्योतक है।
कुंभ राशि पर प्रभाव
कुंभ राशि के लिए वैभव लक्ष्मी राजयोग धनवृद्धि और मान-सम्मान में बढ़ोतरी लेकर आ रहा है। इस अवधि में आपकी आय में वृद्धि होगी और नए-नए स्रोत खुल सकते हैं। जो लोग व्यापार में पार्टनरशिप कर रहे हैं, उन्हें लाभदायक डील्स मिल सकती हैं। शेयर मार्केट, लॉटरी या निवेश से भी फायदा संभव है।
नौकरीपेशा जातकों को विदेशी कंपनियों या विदेश में काम करने के अवसर मिल सकते हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। यह समय आपके आत्मबल और आत्मविश्वास को मजबूत करेगा।
कुंडली में कब बनता है वैभव लक्ष्मी राजयोग?
ज्योतिषीय दृष्टि से, जब चंद्रमा (जो धन, सुख और मन के कारक हैं) और शुक्र (जो सौंदर्य, ऐश्वर्य और लक्ष्मी के प्रतीक हैं) किसी शुभ भाव—जैसे कि लग्न, पंचम, सप्तम या दशम भावमें एक साथ आते हैं, तब वैभव लक्ष्मी राजयोग बनता है। इस संयोग के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में न केवल आर्थिक उन्नति होती है बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा, मानसिक शांति और पारिवारिक खुशियाँ भी बढ़ती हैं।
दिवाली के मौके पर इस योग का महत्व
चूंकि यह योग लक्ष्मी पूजन से ठीक पहले बन रहा है, इसलिए इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाएगा। 20 अक्टूबर को जब लोग माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की आराधना करेंगे, उस समय चंद्र-शुक्र की युति से बनी यह दिव्य ऊर्जा विशेष फलदायी होगी। जिन राशियों पर यह योग असर डाल रहा है, उनके लिए यह समय घर में समृद्धि, धन लाभ और जीवन में स्थिरता लाने वाला सिद्ध हो सकता है।