लंबी बहस, बड़ा बजट, 10 घंटे की चर्चा के बाद इंदौर नगर निगम का 8,000 करोड़ का बजट पास

इंदौर नगर निगम का बजट सम्मेलन शुक्रवार को बालेश्वर बावड़ी हादसे को लेकर कांग्रेस पार्षदों के विरोध और हंगामे की भेंट चढ़ गया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि 36 लोगों की मौत के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने के लिए केस को जानबूझकर कमजोर किया गया।

Abhishek Singh
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इंदौर नगर निगम का बजट पेश होने के बाद शुक्रवार को आयोजित सम्मेलन भारी हंगामे और शोरगुल में बदल गया। कांग्रेस पार्षदों ने बालेश्वर बावड़ी हादसे के आरोपियों के बरी होने पर निगम परिषद को कठघरे में खड़ा किया। उनका कहना था कि शहर की सबसे बड़ी त्रासदी में 36 लोगों की जान गई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने के लिए मामले को जानबूझकर कमजोर किया गया, जिससे आरोपी बरी हो गए। इस मुद्दे को लेकर पार्षदों ने लंबे समय तक विरोध और हंगामा किया।

शुक्रवार को नगर निगम के बजट पर करीब दस घंटे तक चर्चा चली, लेकिन विकास से जुड़े मुख्य मुद्दों की बजाय बहस का रुख औरंगजेब, वक्फ बोर्ड जैसे गैर-जरूरी विषयों की ओर मुड़ता रहा। फर्जी बिल घोटाला और बीआरटीएस को हटाने जैसे अहम विषय चर्चा से बाहर रह गए। बहस के दौरान कई बार तीखी बहस और शोरगुल की स्थिति बनी रही। अंततः आठ हजार करोड़ रुपये का बजट बहुमत के आधार पर पारित कर दिया गया, जबकि विपक्षी पार्षदों ने इसका विरोध दर्ज कराया।

भाजपा परिषद सवालों के घेरे में

नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने बजट चर्चा की शुरुआत करते हुए नगर निगम परिषद की कई मोर्चों पर विफलता की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण और शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करना निगम की ज़िम्मेदारी है, लेकिन यह दायित्व अब प्रशासन के हवाले कर दिया गया है। चौकसे ने यह भी कहा कि नगर निगम में दूरदृष्टि की कमी है — जहां सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना चाहिए था, वहां बीआरटीएस जैसे सिस्टम को हटाने का निर्णय लिया गया।

किसने क्या कहा? जानिए प्रमुख बयान

पार्षद दल के सचेतक कमल वाघेला ने नगर परिषद से मांग की कि शहर की नदियों के किनारों पर हो रहे अतिक्रमण को तत्काल हटाया जाए। साथ ही, उन्होंने एमआर-4 सड़क निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

वहीं, राजस्व समिति के प्रभारी निरंजन सिंह चौहान ने जानकारी दी कि वर्तमान में जीआईएस सर्वेक्षण के माध्यम से संपत्तियों का टैक्स निर्धारण किया जा रहा है और बहुत जल्द संबंधित पोर्टल भी जनता की सुविधा के लिए शुरू किया जाएगा।

शिवाजी के जयकारों से गूंजा सदन

कांग्रेस पार्षद रुबीना खान ने सदन में सवाल उठाया कि भाजपा सरकार लगातार मुस्लिम समुदाय से जुड़े मामलों में ही हस्तक्षेप क्यों करती है—कभी तीन तलाक का मुद्दा उठाया जाता है, तो कभी वक्फ संपत्तियों का। उन्होंने अपनी बात रखते हुए औरंगजेब का भी उल्लेख किया। इस टिप्पणी के जवाब में भाजपा पार्षदों ने सदन में ‘जय श्रीराम’ और ‘जय शिवाजी’ के नारे जोरशोर से लगाए।

कार्यवाही के बीच नमाज पढ़ने का समय मांगा गया

बजट सम्मेलन के दौरान पार्षद रुबीना खान ने निवेदन किया कि उन्हें और अन्य मुस्लिम पार्षदों को नमाज अदा करनी है, अतः कुछ समय के लिए सभा स्थगित की जाए। इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए सभापति ने 45 मिनट का भोजन अवकाश घोषित किया, जिसके दौरान मुस्लिम पार्षदों ने नमाज अदा की।