उत्तराखंड में बद्रीविशाल धाम के कपाट पुष्य नक्षत्र और वृष लग्न में धार्मिक परम्पराओं के आज सुबह ब्रह्ममुहूर्त में खोल दिए गए। कोरोना को देखते हुए भक्तों के लिए भगवान बद्रीविशाल जी की यात्रा और दर्शन पर रोक लगी हुई है। बता दे, सिर्फ पुजारी – रावल और देवस्थानम बोर्ड के सदस्य ही मंदिर की व्यवस्थाओं को देखने के लिए बद्रीनाथ धाम में रुक सकेंगे।
दरअसल, बद्रीविशाल की विशेष पूजा-अर्चना कर कोरोना महामारी से पूरे विश्व को निजात पाने की प्रार्थना की गई है। ऐसे में मंदिर परिसर को भव्य रूप से लगभग आठ कुंतल फूलों और मालाओं से सजाया गया है। वहीं आज ब्रह्ममुहूर्त पर 4:15 बजे भगवान बदरीनाथ के कपाट छह माह के लिए खोले गए है।
जानकारी के अनुसार, यहां प्रतिदिन भगवान बद्रीविशाल जी का अभिषेक और पूजा-आरती निरन्तर चलती रहेंगी। आज सुबह कपाट खुलने के समय भगवान बदरीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरप्रसाद नमूदारी और धर्माधिकारी, वेदपाठी व पूजारीगण, देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी उपस्थित रहे। इसके साथ ही देवस्थानम बोर्ड के अधीनस्थ मंदिरों के अलावा आदिकेदारेश्वर, शंकराचार्य मंदिर के कपाट भी धार्मिक परम्पराओं के अनुसार पूजा-अर्चना के साथ खोल दिए गए।