विजय अड़ीचवाल
आज गुरुवार, मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी तिथि है।
आज भरणी/कृतिका नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-आज प्रदोष व्रत है।
-आज से खरमास प्रारम्भ।
-आज से यमादर्शन त्रयोदशी व्रत प्रारम्भ होता है।
-एक वर्ष तक किए जाने वाले इस व्रत के प्रभाव से यम का भयंकर रूप नहीं दिखता है। (स्कन्द पुराण)
– कल शुक्रवार को पिशाच मोचन श्राद्ध है।
-कल के दिन काशी क्षेत्र में पिशाच मोचन की सांवत्सरिक यात्रा होती है।
-पिशाच मोचन यात्रा करने से मनुष्य को मृत्यु होने के पश्चात पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है और तीर्थ पर लिए हुए दान आदि के पाप से मुक्ति मिलती है।
-मृत्यु के दसवें दिन दशगात्र पिण्डदान की समाप्ति के पश्चात पुत्र को पुनः मुण्डन कराना चाहिए।
-इसके बाद स्नान कर पुराने वस्त्र को त्याग दें और नवीन वस्त्र धारण कर लें। यज्ञोपवीत भी बदल लें।
-11 वें दिन उत्तम षोडशी का श्राद्ध करना चाहिए।
-12 वें दिन द्वादशाह सपिण्डन श्राद्ध किया जाता है।
-इसके बाद पूरे 1 वर्ष में 16 बार श्राद्ध किया जाता है। फिर तीसरे वर्ष के पितृपक्ष में पार्वण श्राद्ध (पितृ में मिलाने की प्रक्रिया) करना चाहिए।