शरीर को स्वस्थ रखने और इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए जिंक बहुत जरूरी है. जिंक उन खनिज में से है जिसे हमारा शरीर नहीं बनाता, जिंक ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने, हार्ट, स्किन, और हेयर्स को हेल्दी रखने के लिए भी जरूरी है. शरीर में कहीं चोट लगने पर घाव भरने में भी जिंक मदद करता है. इसके अलावा डीएनए के निर्माण में भी जिंक जरूरी है. हमें जिंक बनाने के लिए से भरपूर डाइट लेनी पड़ती है. ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जिनमें जिंक अच्छी मात्रा में पाया जाता है. जानते हैं जिंक के फायदे, शरीर में कमी होने पर दिखने वाले लक्षण
जिंक के मिलने के सोर्स
मूंगफली- जिंक का अच्छा प्राकृतिक स्रोत है मूंगफली. इसमें आयरन, पोटैशियम, फोलिक एसिड, विटामिन ई, मैग्नीशियम और फाइबर भी होता है. सर्दियों के मौसम में लोग खूब मूंगफली खाते हैं इसके अलावा आप पूरे सीजन मूंगफली का इस्तेमाल कर सकते हैं.
तिल- जिंक की कमी को पूरा करने के लिए तिल का इस्तेमाल करें. तिल में जिंक, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट और बी कॉम्प्लेक्स जैसे तत्व होते हैं. इसमें फोलिक एसिड भी अच्छी मात्रा में होता है.
तरबूज के बीज- तरबूज के बीज खाने के कई फायदे हैं. इनमें भरपूर मात्रा में जिंक, पोटैशियम और कॉपर पाया जाता है. तरबूज के बीज खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहता है. आप सीजन पर तरबूज के बीजों धोकर सुखा लें और उन्हें अपनी डाइट में शामिल करें.
फलियां- फलियों में पर्याप्त मात्रा में जिंक पाया जाता है. सेम, बीन्स या दूसरी फलियां खाने में शामिल कर सकते हैं. फलियां जिंक का अच्छा स्रोत हैं. इनमें फैट और कैलोरी कम होते हैं जबकि प्रोटीन और फाइबर ज्यादा पाया जाता है.
जिंक के फायदे
जिंक त्वचा की मरम्मत कर संक्रमण को रोकने और किसी भी घाव को जल्दी भरने में मदद करता है. जिंक एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है. इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है. जिंक हड्डियों को स्वस्थ रखने और उनके निर्माण में अहम भूमिका निभाता है. इससे ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में भी मदद मिलती है. जिंक कई तरह की न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को कम करता है और सर्दी- खांसी की समस्या कम करने में भी जिंक मदद करता है. जिंक रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी जरूरी है. जिंक से इम्यूनिटी बढ़ती है.
जिंक की कमी से होने वाली समस्या
वजन कम होना और कमजोरी महसूस होना, भूख में कमी और स्वाद- गंध कम पता चलना, बालों का झड़ना और मानसिक स्वास्थ्य पर असर
चोट लगने पर जख्म देरी से भरना, बार-बार दस्त होना