मध्य प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक नया अहम फैसला लिया है। अब दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले यात्री (पिलियन राइडर) को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम पूरे प्रदेश में 6 नवंबर 2025 से लागू होगा। ट्रैफिक पुलिस और पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI) ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। नियम का उल्लंघन करने पर न सिर्फ चालक बल्कि पीछे बैठे यात्री के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
नया नियम क्यों जरूरी
PTRI के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में मध्यप्रदेश में 56,669 सड़क हादसे हुए, जिनमें 13,661 लोगों की मौत हुई। इनमें से 53.8% मौतें दोपहिया वाहन चालकों की थीं, और 82% मामलों में चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सभी चालक और यात्री गुणवत्ता वाले हेलमेट पहनते, तो इनमें से कई जानें बच सकती थीं।
नियम का क्रियान्वयन
प्रदेशभर में 23 अक्टूबर से 15 दिन का जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान आम लोगों को हेलमेट की आवश्यकता और ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाएगी। अभियान के बाद, 6 नवंबर से नियम का सख्ती से पालन किया जाएगा। अब 4 साल से अधिक उम्र के सभी दोपहिया वाहन सवारों को हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा, चाहे वे पुरुष हों, महिलाएं हों या बच्चे। सिख धर्मावलंबियों को छोड़कर सभी पर यह नियम लागू होगा।
पुलिस पर भी जवाबदेही
PTRI एडीजी मोहम्मद शाहिद अब्बास के निर्देशानुसार, शहरों और मुख्य मार्गों पर चेकिंग प्वाइंट्स, स्टॉपर और कैमरे लगाए जाएंगे। हर कार्रवाई बॉडी वॉर्न कैमरा और वेब कैमरा से रिकॉर्ड की जाएगी। चालान POS मशीन से काटे जाएंगे। अगर कोई पुलिसकर्मी हेलमेट नहीं पहने सवार को छोड़ देता है, तो उसकी जवाबदेही तय होगी। रोज़ाना की कार्रवाई का ब्यौरा PTRI को भेजना अनिवार्य होगा। लगातार नियम तोड़ने वालों की जानकारी परिवहन विभाग को भेजी जाएगी, ताकि उनके लाइसेंस निलंबित या रद्द किए जा सकें।
राइड-शेयरिंग सेवाओं पर लागू
यह नियम ओला, उबर, रैपिडो जैसे बाइक टैक्सी प्लेटफॉर्म पर भी लागू होगा। भोपाल टैक्सी यूनियन के राष्ट्रीय सचिव नफीसउद्दीन के अनुसार, केवल भोपाल में लगभग 4,000 बाइक राइडर इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े हैं। अब पुलिस ड्राइवर और यात्री दोनों के हेलमेट की जांच करेगी। यदि आप राइड-शेयरिंग सेवा का उपयोग कर रहे हैं तो अपना हेलमेट साथ रखना जरूरी होगा, नहीं तो चालान कट सकता है।
राजस्थान से मिली प्रेरणा
PTRI ने बताया कि जयपुर और जोधपुर में 2011 से ही पिलियन राइडर के लिए हेलमेट अनिवार्य है। वहां लोग अतिरिक्त हेलमेट साथ रखते हैं ताकि पीछे बैठने वाला भी सुरक्षित रहे। यही मॉडल अब मध्यप्रदेश में लागू किया जा रहा है।
हेलमेट की अहमियत
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, हेलमेट सिर और मस्तिष्क को गंभीर चोटों से बचाता है। हेलमेट पहनने से सड़क दुर्घटना में मृत्यु का खतरा 70% तक कम हो सकता है। हालांकि, मध्यप्रदेश में अभी भी कई लोग छोटे रास्ते या कम दूरी के बहाने बिना हेलमेट वाहन चलाते हैं। नया नियम इस लापरवाही को समाप्त करने और सड़कों पर सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया गया है।