चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के बेटे की भी रही अहम भूमिका

Share on:

नई दिल्ली। भारत ने आज अंतरिक्ष में नया परचम लहरा दिया है। आँध्रप्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 3 ने सफल उड़ान भर ली है। चंद्रयान-3 ने दोपहर 2:35 बजे चंद्रमा की ओर उड़ान भरा। चंद्रयान-3 के जरिए इसरो की कोशिश चंद्रयान-2 के अधूरे मिशन को पूरा करने की हैं। 24 से 28 अगस्त के बीच चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज का दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा।

जानकारी के लिए आपको बता दे कि चंद्रयान 3 पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा की भू विज्ञान का पता लगाएगा। 3900 किलोग्राम के अंतरिक्ष यान को पहले यूआर राव सैटलाइट केंद्र में रॉकेट के पेलोड फेयरिंग यानी ऊपरी हिस्से में डाला गया और फिर इस रॉकेट के निचले हिस्से से जोड़ने के लिए ले जाया गया। यह हिस्सा इस पृथ्वी की कक्षा के बाहर धकेल देगा और इस पृथ्वी से लगभग 3 लाख 84000 किलोमीटर दूर चंद्रमा की ओर ले जाएगा।

चंद्रयान-3 सतीश धवन स्पेस पोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से छोड़ा जाएगा। यहां से अब तक 24 लॉन्च हो चुके हैं। ये लॉन्च पैड भारी सैटेलाइट्स और रॉकेट्स के लिए है। इस मिशन की जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं और इसको लांच करने का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस मिशन का पूरा बजट 651 करोड़ रुपए का है। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।

ISRO चीफ ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा पर लैंड करना और उसके पर्यावरण का अध्ययन करना है। इस मिशन में भारत चांद की धरती पर एक लैंडर उतारेगा। चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के आखिरी चरणों में है। इस मिशन को लेकर इसरो लगातार कोई न कोई जानकारी साझा कर रहा है। पिछले चार वर्षों में जबरदस्त काम किया गया है। अगर चंद्रयान-3 का लैंडर चांद पर उतरने में सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने ट्वीट किया, यह असाधारण उपलब्धि है! भारत ने साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था, तब सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान यह मिशन फेल हो गया था।

Chandrayaan-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग में मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के प्रियांशु मिश्रा की भी अहम भूमिका रही है, जानकारी के लिए बता दें कि प्रियांशु मिश्रा इसरो में साइंटिस्ट एसएस के पद पर पदस्थ हैं और उन्होंने इस बड़े अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बता दें, सफल लॉन्चिंग के बाद प्रियांशु मिश्रा का पूरा परिवार अपने बेटे पर गर्व कर रहा है। प्रियांशु के पिता विनोद कुमार मिश्रा है और माताजी प्रतिभा मिश्रा मध्यप्रदेश के छोटे से कस्बे से आने वाले प्रियांशु मिश्रा ने आज मध्य प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। चंद्रयान 3 की सफल लांचिंग का हिस्सा रहे प्रियांशु मिश्रा अपने कार्यों के लिए पहले भी कई बार सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें वर्ष 2017 में यंग साइंटिस्ट मेरिट अवार्ड मिला। इसके बाद वर्ष 2022 में उन्हें एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं संस्था में उन्हें ऐसी के पद से एसएफ के पद पर पदोन्नति भी मिली। यह सारे सम्मान उनके लिए गौरव की बात है।