नितिनमोहन शर्मा।
रंग रँगीलो फ़ागुणियो आया और समूचे शहर में छा गया हैं। गली मोहल्लों और देवालयों में फ़ागुण का उल्लास पसर गया हैं। जगह जगह फाग उत्सवों का दौर शुरू हो गया हैं। कही चंग बज रही है तो कही ढप। कही करताल के संग रसिया गाये जा रहे तो कही ताल पखावज के संग होली की धमार की धूम मची हैं। शहर का एक बड़ा हिस्सा बृज बरसाना धाम बन गया है जहां फाग उत्सवों की धूम मची हुई है। बाजार में भी रंग बिखेर गए हैं जगह जगह सतरंगी रंगों की दुकानें सज गई हैं। बच्चो की पिचकारियों से बाजार सज धज गया है।
“होरी के हुरियारों” ने रंगों के त्यौहार होली की तैयारिया शुरू कर दी हैं। कही रंगारंग बाना बनठन के शहर की सड़कों पर निकलेगा तो कही बृज की लट्ठमार होली को अहिल्या नगरी की सड़कों पर उतारा जाएगा। कोई फाग के गीत गुंजायमान करने की तैयारी के जुट गया है तो कोई आकर्षक साज सज्ज़ा के संग विशाल होलिका दहन करेगा। सब तरफ होली की खुमारी पसरती जा रही हैं। रंगों की बारात लेकर आने वाले होली के त्यौहार में अब दिन कितने बचे है? लिहाजा होली की मस्ती अहिल्या नगरी में चढ़ गई है जिससे चौक, चौराहों से लेकर मठ मन्दिर तक अछूते नही है।
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जगह जगह हरिकृष्ण साबू “भोपुजी” के सुमधुर फाग गीत भजन गूंज रहे हैं। गुमाश्ता नगर के व्यंकटेश मन्दिर से इसका शुभारंभ हो गया। भोपुजी के इस सबसे बड़े फाग में ऐसी भीड़ जुटी की रात एक बजे तक भोंपू जी के मुख से रसिया बनियों फिरे नंदलाल गूंजता रहा। 1 मार्च को यानी आज भोपुजी के फाग उत्सव का ठिकाना छत्रीबाग स्थित व्यंकटेश मन्दिर रहेगा।
कमलेश खंडेलवाल की संस्था सृजन ने तो पश्चिमी इन्दौर में वक्त से पहले रंगों की खुमारी चढ़ा दी हैं। ‘ कम्मू नेता’ पूरे दल बल के संग सिरपुर से लेकर नंदबाग, कुशवाह नगर तक फाग उत्सव मना रहे है जिसमे हजारों महिलाएँ जुट रही है। शुरुआत राघवेंद्र सरकार के पंचकुइया आश्रम से हुई। खंडेलवाल के फाग उत्सव के भजन दिन में रोज 3 बजे से गूंज रहे हैं। दस दिनों तक ये उत्सव चलना है।
उधर मल्हारगंज में ही जय बाबा यानी जयदीप जैन का फागोत्सव ओर रंगारंग बाने की तैयारियां ज़ोर शोर से चल रही है। यहां के बाने में इस बार अयोध्या का राम मंदिर रहेगा जिसमे पीएम के संग सीएम होली खेलते नजर आएंगे। जूनियर अमिताभ बच्चन भी साथ रहेंगे। ऐसी ही तेयारी छिपाबाखल में डॉ सुमित त्रिवेदी भी कर रहे हैं। त्रिवेदी बृज की लट्ठमार होली को इन्दौर की धरती पर उतारेंगे। इसमे भगोरिया नृत्य, युवतियों की शस्त्रकला का प्रदर्शन भी होगा। अहिल्या पूरा में सत्तू पहलवान की फाग की जाजम की तैयारी भी जोरो पर है जहां मशहूर भजन गायक द्वारका मंत्री के फाग गीत गूंजेंगे।
गोरधननाथ जी के रसियाओं की बात ही निराली
शहर में सबसे पहले रंग की मस्ती और भक्ति प्राचीन गोवर्धननाथ मन्दिर से शुरू होती हैं। यहां भगवान गोवर्धननाथ बसंत पंचमी से होली खेलना शुरू कर देते हैं। यहां का समूचा वातावरण बृज बरसाना वृंदावन सा हो जाता हैं। गोवर्धननाथ मन्दिर से जुड़े रसियाओं की बात सबसे निराली और अनूठी हैं। चंग ढप, ताल, पखावज, किन्नरी, झालरी आदि वाद्य यंत्रों के संग ठाकुरजी के समक्ष कीर्तन और रसिया गान की रोज रसवर्षा हो रही हैं। प्रभु के समक्ष तरह तरह के स्वांग रचाये जा रहे हैं। मन्दिर का राजभोग और शयन दर्शन इस सबका रोज साक्षी बन रहा है। शास्त्रीय रागों पर आधारित कीर्तन और रसिया गान गाये जा रहे है। यहां की कीर्तन मंडली का अपने सर्वेश्वर के प्रति भाव देखते ही बन रहा हैं। कीर्तन मंडली न केवल किशन कन्हाई, बल्कि बलदाऊ जी यानी बलराम जी के समक्ष भी प्रतिदिन रसिया गान कर रही है। आखिर बृज के राजा बलदाऊ जी जो ठहरे। दोनो भाई की होली संग संग चल रही है।
होलिका दहन को लेकर संशय
इस बार होलिका दहन कब? ये सवाल शहर में चर्चा में है। कारण बना है होलाष्टक। आमतौर पर होलाष्टक आठ दिन का होता है। इस बार ये 9 दिन का है। इसलिए ये संशय बना। आठ दिन के होलाष्टक के हिसाब से 6 मार्च का दिन होलिका दहन का होता है और 7 मार्च को धुलेंडी। लेकिन 9 दिवसीय होलाष्टक होने से अधिकांश जगह 7 की होली ऒर 8 को धुलेंडी मानी जा रही हैं। पुलिस प्रशासन की तैयारी भी इसी हिसाब से है।