कोविड-19 के बाद हो सकती है कोविड-22 की एंट्री, डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा है खतरनाक

Mohit
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वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के संभावित नवीनतम खतरों को लेकर भी लोगों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है। कोरोना का सुपर वैरिएंट, मौजूदा समय में दुनियाभर के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहे कोरोना के डेल्ट वैरिएंट से कहीं अधिक खतरनाक हो सकता है।  कोरोना के इस संभावित सुपर वैरिएंट से मुकाबला करने के लिए सिर्फ वैक्सीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि वैज्ञानिक सुपर वैरिएंट से संबंधित और किन खतरों को लेकर लोगों को सचेत कर रहे हैं।

कैसे हो सकेगा सुपर वैरिएंट से मुकाबला?

विश्वविद्यालय के इम्यूनोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉक्टर साई रेड्डी कहते हैं, भविष्य के इस गंभीर खतरे को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य संगठनों को अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। कोरोना के सुपर वैरिएंट से मुकाबले के लिए हमें और अधिक शक्तिशाली वैक्सीन की आवश्यकता हो सकती है। वहीं जिन लोगों को तब तक वैक्सीन नहीं लग पाएगी वह कोरोना के संभावित सुपर-स्प्रेडर साबित हो सकते हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कोरोना का सुपर वैरिएंट शरीर में बनी प्रतिरक्षा को आसानी से चकमा दे सकता है, ऐसे में एक बार फिर से संक्रमण का खतरा सभी लोगों में हो सकता है। वहीं जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी होगी, उनमें खतरा आज के मुकाबले कई गुना तक अधिक हो सकता है।

डेल्टा से भी हो सकता है ज्यादा खतरनाक

कोरोना के संभावित सुपर वैरिएंट कोविड-22 को लेकर लोगों को सचेत करते हुए डॉक्टर साई रेड्डी कहते हैं, कोरोना की जिस स्थिति का हम अभी सामना कर रहे हैं, कोविड-22 उससे कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। डेल्टा वैरिएंट से मुकाबले के साथ-साथ हमें भविष्य की इस गंभीर चुनौती को लेकर भी अभी से तैयार रहना होगा। डॉ रेड्डी कहते हैं, फिलहाल दुनियाभर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का कहर जारी है। डेल्टा का वायरल लोड इतना अधिक है कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है या जो भी लोग इस वैरिएंट से संक्रमित हो जाते हैं, वह इसके सुपर स्प्रेडर हो सकते हैं। यही कारण है कि सभी लोगों को जल्द से जल्द टीकाकरण करा लेना चाहिए।