मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बंथरा स्थित उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज, ओरांव दारोगा खेड़ा में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साइबर समिट का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश को तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त बनाने के लिए कई नई पहलें शुरू कीं। मुख्यमंत्री ने सभी 75 जिलों और पुलिस कमिश्नरेट्स के लिए मोबाइल फॉरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और कहा कि अब अपराधियों को पकड़ने में वर्षों नहीं, बल्कि केवल 24 से 48 घंटे का समय लगेगा।
भारतीय संस्कृति पर डाला प्रकाश
समिट के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री ने भारतीय परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में हर बार जब भी मंथन हुआ है, परिणाम स्वरूप अमृत ही प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि ज्ञान के द्वार हमेशा खुले रहने चाहिए, क्योंकि बंद दरवाजे ही प्रगति के मार्ग में रुकावट बनते हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बिना तकनीक के किसी बड़े आयोजन की सफलता संभव नहीं है। इसका बेहतरीन उदाहरण प्रयागराज कुंभ है, जिसे आधुनिक तकनीक की मदद से ऐतिहासिक रूप से सफल बनाया गया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पद्मश्री डॉ. लालजी सिंह एडवांस्ड डीएनए डायग्नोस्टिक सेंटर, एआई, ड्रोन और रोबोटिक्स लैब के साथ अटल पुस्तकालय का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने छात्र-छात्राओं को स्मार्ट टैबलेट वितरित किए और साइबर अपराधों से निपटने हेतु मोबाइल फॉरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने सख्त संदेश देते हुए कहा—“उत्तर प्रदेश में अपराध करने वाला चाहे कितना भी चालाक हो, पुलिस और फॉरेंसिक तकनीक की पकड़ से बचना असंभव है।”
अब अपराधियों को पकड़ने में लगते हैं सिर्फ घंटे, साल नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में मात्र चार फॉरेंसिक लैब कार्यरत थीं। नमूनों के समय पर न पहुँच पाने से वे प्रायः नष्ट हो जाते थे और अपराधियों को दंडित करना कठिन हो जाता था। अब प्रत्येक रेंज में अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब स्थापित की जा चुकी हैं और 12 नई प्रयोगशालाएँ भी प्रारंभ हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में साइबर थाने संचालित हैं और प्रत्येक थाने में साइबर डेस्क सक्रिय है। निकट भविष्य में साइबर मुख्यालय भी स्थापित किया जाएगा।