मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सलाह दी है कि किसी भी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, भूख न लगना, दस्त लगना आदि के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। आमतौर पर देखा गया है कि मरीज घर पर ही पारंपरिक उपचार लेते रहते है। ठीक होने की उम्मीद में 5 से 7 दिन गुजार देते हैं, जिससे स्वास्थ्य लाभ होने के बजाय उनकी बीमारी और बढ़कर जटिल हो जाती है।
उन्होंने कहा कि मर्ज बिगड़ने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अगर कोविड-19 की जांच पॉजीटिव आती है तो उपचार और जटिल हो जाता है। ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट या आईसीयू में भर्ती कर उपचार करना पड़ता है। ऐसी बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों को सलाह दी है कि उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, हाथ-पैरों में दर्द, शरीर में ऐंठन, भूख न लगना, खाने व सूघंने में स्वाद का पता न लगना आदि लक्षणों के आते ही वे तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। अथवा कोविड-19 की जांच करवाकर समय रहते उपचार लेकर स्वस्थ हों।
कोरोना के दृष्टिगत ऐसे व्यक्ति भीड़-भाड़ में न जायें, आपस में दो गज की दूरी बनाकर रखें। हाथों को सैनेटाइज करते रहना अथवा हाथों को साबुन से धोते रहने जैसी आवश्यक सावधानियां बरतें।