सत्ताधारी भाजपा में हाल ही में अंदरूनी असंतोष की खबरें तेज हो गई हैं। मध्यप्रदेश के रीवा जिले की चाकघाट नगर परिषद में अध्यक्ष विभव जयसवाल और पार्षदों के बीच विवाद उभरकर सामने आया है। सोमवार को कई पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे और दावा किया कि परिषद के 15 में से 12 पार्षद उनका समर्थन कर रहे हैं तथा अध्यक्ष के व्यवहार से वे नाराज हैं। दोपहर में कलेक्टर की अनुपस्थिति में पार्षदों ने अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
इस मामले में कलेक्टर ने मंगलवार को पार्षदों से मुलाकात करने का निर्देश दिया है और नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही है। विरोध करने वाले पार्षदों में तीन पीआईसी के सदस्य शामिल हैं। इन पार्षदों का आरोप है कि विकास कार्य अध्यक्ष की मनमानी के कारण बाधित हो रहे हैं। जब जनता अपनी समस्याएं पार्षदों के सामने रखती है, तो अध्यक्ष अभद्र व्यवहार करते हैं।
उनकी इस लापरवाही के चलते चाकघाट नगर का विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इसी कारण पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के जरिए अध्यक्ष को हटाकर नए अध्यक्ष के चयन की मांग की है। इससे पहले मऊगंज जिले में नईगढ़ी नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था और अन्य परिषदों में भी विरोध के स्वर उठते रहे हैं।
पार्षदों ने दी इस्तीफा देने की चेतावनी
चाकघाट के पार्षदों ने चेतावनी दी है कि उनके अविश्वास प्रस्ताव पर यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे अपने पार्षद पद से इस्तीफा दे देंगे। पार्षदों ने यह भी बताया कि सभी ने अपना इस्तीफा तैयार रखा है और कार्रवाई में देरी होने पर उसे सीधे कलेक्टर को सौंप दिया जाएगा।