उत्तराखंड के जंगलों में बिना अनुमति रह रहे विदेशी पर्यटक, वन विभाग की कार्रवाई ने खोला राज

उत्तराखंड के जंगलों में बिना अनुमति रह रहे विदेशी पर्यटक, वन विभाग ने की सख्त कार्रवाई

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Uttarakhand tourism: Uttarakhand के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र में हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां आधा दर्जन से अधिक देशों के विदेशी पर्यटक बिना किसी अनुमति के जंगल क्षेत्रों में ठहरे हुए पाए गए। वन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त कार्रवाई ने इस गैरकानूनी गतिविधि का पर्दाफाश किया। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोगों में चिंता पैदा कर दी है। आखिर क्या है इस मामले का माजरा? आइए जानते हैं पूरी कहानी।

मुनस्यारी के जंगलों में क्या हुआ?

मुनस्यारी, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। लेकिन हाल ही में वन विभाग को सूचना मिली कि कुछ विदेशी पर्यटक बिना अनुमति के जंगल क्षेत्रों में रात बिता रहे हैं। इस सूचना के आधार पर वन विभाग ने पुलिस और राजस्व विभाग के साथ मिलकर एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान में पाया गया कि कई देशों के नागरिक, जिनमें कुछ यूरोपीय और अन्य देशों के पर्यटक शामिल थे, बिना किसी वैध परमिट के जंगल में डेरा डाले हुए थे।

इन पर्यटकों को तुरंत वहां से हटाया गया और उन्हें वन क्षेत्रों में रात्रि प्रवास के लिए अनिवार्य अनुमति लेने के नियमों की जानकारी दी गई। इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी तेज करने का फैसला किया है।

क्यों जरूरी है अनुमति?

Uttarakhand के जंगल क्षेत्र, विशेष रूप से पिथौरागढ़ जैसे संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में, संरक्षित और प्रतिबंधित क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के नियमों के अनुसार, विदेशी नागरिकों को ऐसे क्षेत्रों में प्रवेश के लिए प्रोटेक्टेड एरिया परमिट (PAP) की आवश्यकता होती है। यह परमिट सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय संस्कृति को बनाए रखने के लिए अनिवार्य है। बिना अनुमति के जंगल में रहना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है।

क्या है इस घटना की वजह?

जानकारों का मानना है कि मुनस्यारी जैसे क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता और शांति विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है। कई पर्यटक ऑफबीट अनुभवों की तलाश में जंगल में कैंपिंग करने का फैसला करते हैं, लेकिन नियमों की जानकारी न होने या जानबूझकर अनदेखी करने के कारण ऐसी स्थिति बनती है। कुछ पर्यटक स्थानीय गाइड या ट्रैवल एजेंसियों पर निर्भर रहते हैं, जो उन्हें गलत जानकारी दे सकते हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर मुनस्यारी के खूबसूरत नजारों की तस्वीरें और वीडियो भी पर्यटकों को बिना तैयारी के यहां खींच लाते हैं।

वन विभाग की सख्ती और भविष्य की योजना

इस घटना के बाद वन विभाग ने साफ कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पिथौरागढ़ वन प्रभाग के अधिकारियों ने बताया कि जंगल क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। साथ ही, पर्यटकों को जागरूक करने के लिए जंगल प्रवेश द्वारों पर सूचना बोर्ड और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

स्थानीय प्रशासन ने यह भी अपील की है कि पर्यटक केवल अधिकृत ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से यात्रा करें और संरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश से पहले सभी जरूरी परमिट प्राप्त करें।

पर्यटकों के लिए सलाह

यदि आप मुनस्यारी या उत्तराखंड के अन्य जंगल क्षेत्रों में यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

1.परमिट प्राप्त करे: संरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश के लिए प्रोटेक्टेड एरिया परमिट अवश्य लें। यह भारतीय मिशनों, स्थानीय फॉरेन रजिस्ट्रेशन ऑफिस या राज्य सरकार के कार्यालयों से प्राप्त किया जा सकता है।

2.स्थानीय नियमों का पालन करें: जंगल में कैंपिंग या रात्रि प्रवास के लिए वन विभाग से अनुमति लें।

3.पर्यावरण का सम्मान करें: कचरा न फैलाएं और वन्यजीवों को परेशान न करें।

4. अधिकृत गाइड का उपयोग करें: स्थानीय गाइड या प्रमाणित ट्रैवल एजेंसी की मदद लें।

5. जागरूक रहें: सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी को सत्यापित करें और नियमों की अनदेखी न करें।