इंदौर: शहर काँग्रेस के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल जे कहा कि बढ़ती कोरोना की महामारी को रोकने में सरकार और सरकारी तंत्र पूरी तरह से फैल हो चुके है। जनता की मुश्किलें बढ़ती जा रही है,जनता के लिए हॉस्पिटल में बैड नही,रेमडेसिविर इंजेक्शन के नही और आज तोह हद हो गई लाखों रुपए रोज मरीजो से लेने के बाद भी ऑक्सीजन तक उपलब्ध नही,निजी हॉस्पिटल मात्र एक घंटे पहले फरमान जारी कर मरीजो को चले जाने की बात कह रहे है और हद तोह यह हो गई कि शासन प्रशासन पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ा है,उनके माथे पर जूं तक नही रेंग रही है।
मरीजो के परिजनो में डर का माहौल बना दिया गया है,निजी हॉस्पिटलो को खुली छूट दे दी गई है।लाखों रुपए लेने के बाद उनके पास साधन नही है।मरीजों की मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है। जनता में चारो तरफ त्राहि त्राहि मची हुई है,बेड मिल जाता है,तोह इंजेक्शन नही मिलता,अगर परिजन इंजेक्शन काला बाज़ारी से खरीद कर ले आते है तोह ऑक्सीजन खत्म। प्रदेश की जनता की आबादी के हिसाब से प्रतिशत से भी कम मरीज है,अगर इतने कम मरीजो की देख रेख अगर सरकार नही कर सकती तोह,वह सरकार चलाने में पूरी तरह फैल हो चुकी है,और ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
प्रदेश में स्तिथि भयावह होती जा रही है,मुख्यमंत्री,स्वास्थ मंत्री का इस और कोई ध्यान नही रहे है,साधन सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है। आज जनता को तड़प तड़प के मरने के अलावा कोई चारा नही बचा है। छोटी छोटी बातों पर चालान बनाना व्यापारियों के साथ ज्यादती करना,सड़क पर मारपीट करने वाली सरकार निजी अस्पताल लाखों रुपए लेकर भी सही इलाज नही करने पर सरकार मौन क्यो है ,यह भी एक सोचने का विषय है।अगर कोई अस्पताल मरीजो से भारी रकम ले रहा है,तोह उसका काम है कि वह मरीजों की सुविधा का पूरा ध्यान रखे,और उसका सही इलाज करें, और अगर ऐसा नही होता है तोह उस अस्पताल को हमेशा के लिए बंद कर दिया जावे।
सरकार मस्त है,जनता त्रस्त है और मुख्यमंत्री पूरी तरह से ग्रस्त है।