उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शिवरात्रि को नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। 3 मार्च बुधवार से शिव नवरात्रि पर्व का शुभारंभ हो गया है। ऐसे में नौ दिनों में बाबा को विभिन्न रूपों में सजाया जाएगा। रोज बाबा का नये स्वरूप में श्रृंगार किया जाता है। वहीं अंतिम दिन महाशिवरात्रि को बाबा महाकाल को दूल्हे के रूप में दर्शन देते हैं। माता पार्वती के साथ उनके विवाह को देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। आज इस पर्व का तीसरा दिन था और इस दिन बाबा महांकाल का घटाटोप श्रृंगार किया गया।
आपको बता दे, शिवरात्रि पर्व के 9 दिन पूर्व शुरू होने वाला शिव नवरात्रि पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाई जाती है। ऐसे में पहले दिन माता पार्वती और बाबा का चंदन, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड माल छत्र आदि से विशेष एवं अद्भुत श्रृंगार किया गया। जैसा की आप सभी जानते है 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मात्र उज्जैन महाकालेश्वर ही ऐसा स्थान है जहां शिवरात्रि के पहले शिव नवरात्रि मनाने की परम्परा है। साथ ही बाबा की नौ दिनों तक अलग अलग श्रृंगार किया जाता है। साथ ही भगवान् की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
आज शिवनवरात्र का तीसरा दिन है और इस दिन बाब महाकाल जटाओं को खोल निराकार से साकार रूप में आए और घटाटोप रूप में दर्शन दिए है। साथ ही शिव पार्वती को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड माल छत्र आदि भी अर्पित किए गए। जैसे जैसे दिन करीब आते जा रहे है महांकाल मंदिर पर भक्तो की भीड़ भी बढ़ती जा रही है, शिवभक्तों के लिए शिवरात्रि सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। कल शिवनवरात्र का चौथा दिन है और इस दिन बाबा भक्तों को छबिना रूप में दर्शन देंगे।
कल बाबा महांकाल का श्रंगार दिन प्रतिदिन और भी सूंदर होता जायेगा और कल चौथे दिन बाबा महांकाल छबिना रूप में भक्तों को दर्शन देंगे। कल के दर्शन को लेकर सभी शिवभक्त अभी से ही लालायित हैं।