डॉ. नीलेश देसाई की प्रतिनियुक्ति पर उठे गंभीर सवाल, शिवराज सिंह को लिखा पत्र

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Bhopal News : मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग विभाग में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के गंभीर आरोप सामने आए हैं। डॉ. नीलेश देसाई, जो बुधनी जिला सीहोर में अतिरिक्त उप संचालक ( पशुपालन विभाग ) के पद पर कार्यरत थे, को पिछड़ा वर्ग विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने के बाद कई समस्याएं उत्पन्न हुई हैं।

आल इंडिया ओबीसी महासभा के संयोजक विपिन कुमार नायदे ने एक प्रेस नोट जारी कर डॉ. देसाई की प्रतिनियुक्ति को निरस्त करने की मांग की है। उनकी प्रतिनियुक्ति का 31 जुलाई 2024 आखरी दिन है, एवं वो पिछड़ा वर्ग विभाग एवं पशु पालन विभाग दोनों जगह पैसे खिलाकर बार बार प्रतिनियुक्ति आगे बड़ा रहे है जो की चिंतनीय है।

विपिन कुमार नायदे के अनुसार, डॉ. नीलेश देसाई की प्रतिनियुक्ति से बुधनी क्षेत्र में गायों और दुधारू पशुओं की स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पशु चिकित्सकों की कमी के कारण 1300 से अधिक गायें बीमारी के कारण मर चुकी हैं, जो पशुपालकों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। बुधनी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का क्षेत्र है एवं उनके क्षेत्र से किसी क्लास 1 अधिकारी का ड्यूटी से गायब होकर प्रतिनियुक्ति पर जाना सोची समझी साजिश है ।

प्रेस नोट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन योजना और अन्य योजनाओं में डॉ. देसाई की प्रशासनिक योग्यता पर सवाल उठे हैं। उनके द्वारा जारी किए गए आदेश नियमों के विपरीत हैं, जिससे विद्यार्थियों और पालकों में भय का माहौल है। डा. देसाई के खिलाफ 150 से अधिक भ्रष्टाचार और पिछड़ा वर्ग विरोधी गतिविधियों की शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं।

जातिगत भेदभाव के आरोप भी डॉ. देसाई पर लगाए गए हैं। नायदे ने आरोप लगाया कि डा. देसाई की मानसिकता पिछड़ा वर्ग विरोधी है, जिससे पिछड़ा वर्ग के छात्रों को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, उन्होंने डा. देसाई की प्रतिनियुक्ति को निरस्त कर उन्हें मूल विभाग पशुपालन विभाग में वापस भेजने की मांग की है।

प्रेस नोट में यह भी बताया गया है कि पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन योजना के प्रभारी पद से डा. देसाई को हटाने के बावजूद वे वापस आ गए हैं और बुधनी नहीं जा रहे हैं। नायदे ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और माननीय पिछड़ा वर्ग मंत्री कृष्णा यादव से अनुरोध किया है कि वे डॉ. देसाई की प्रतिनियुक्ति को स्थायी रूप से हटाकर उन्हें बुधनी में वापस भेजें।

विपिन कुमार नायदे ने कहा, “डॉ. नीलेश देसाई की प्रतिनियुक्ति ने हमारे समाज के हितों को गंभीर खतरे में डाल दिया है। हम चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और त्वरित कार्यवाही करे।”

प्रेस नोट के अंत में, नायदे ने कहा कि यदि डा. देसाई की प्रतिनियुक्ति को निरस्त नहीं किया गया तो बुधनी के किसान और पशुपालक हर मोर्चे पर विरोध करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है। इसके साथ बुधनी के भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है की तत्काल कार्यवाही करे।

माननीय शिवराज सिंह चौहान जी, 20/7/24
कृषि मंत्री भारत सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश शासन,

विषय: बुधनी जिला सीहोर में पदस्थ पशु चिकित्सक डा. नीलेश देसाई की पिछड़ा वर्ग मुख्यालय में अवैध प्रतिनियुक्ति निरस्त करने हेतु अनुरोध पत्र, ये आपकी माँ गाय की हत्या का जिम्मेदार है

माननीय शिवराज सिंह जी, मुझे आपको सूचित करते हुए खेद है कि पिछड़ा वर्ग विभाग में वेटनरी सर्जन डॉ. नीलेश देसाई की प्रतिनियुक्ति ने गंभीर समस्याएं उत्पन्न की हैं। यह समस्या न केवल विभागीय प्रशासन में बाधा उत्पन्न कर रही है, बल्कि आपके गृह क्षेत्र बुधनी में गाय एवं दुधारू पशुओं की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

पृष्ठभूमि: डॉ. नीलेश देसाई, जो अतिरिक्त उप संचालक बुधनी, जिला सीहोर के पद पर कार्यरत थे, को पिछड़ा वर्ग विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। उनके स्थानांतरण के पश्चात बुधनी क्षेत्र में गायों एवं दुधारू पशुओं का इलाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। पशु चिकित्सकों की कमी के कारण, 1300 गायें बीमारी के कारण मर चुकी हैं, जो न केवल पशुपालकों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।

शिकायतें और समस्याएं: पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन योजना एवं अन्य योजनाओं में गड़बड़ियाँ: डॉ. देसाई की प्रशासनिक योग्यता पर सवाल उठे हैं। उनके द्वारा नियमों के विपरीत आदेश जारी किए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों एवं पालकों में भय व्याप्त हो गया है।

भ्रष्टाचार के आरोप: डॉ. देसाई के खिलाफ 150 से अधिक शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं, जिसमें उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार एवं पिछड़ा वर्ग विरोधी गतिविधियों के आरोप शामिल हैं।

जातिगत भेदभाव: डॉ. देसाई की मानसिकता पिछड़ा वर्ग विरोधी है, जो उनकी कार्यप्रणाली में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। इससे पिछड़ा वर्ग के छात्रों को नुकसान हो रहा है।

निवेदन: मान्यवर, आपने हमेशा गायों और किसानों के हितों की रक्षा की है। डॉ. नीलेश देसाई की प्रतिनियुक्ति ने इन हितों को गम्भीर खतरे में डाल दिया है। इसलिए, आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप डॉ. नीलेश देसाई की प्रतिनियुक्ति को निरस्त करते हुए उन्हें मूल विभाग पशुपालन विभाग में भेजने के आदेश जारी करें, ताकि बुधनी क्षेत्र में पशु चिकित्सा सेवाओं को पुनः बहाल किया जा सके और पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रशासन में सुधार हो सके।

आपका सहयोग हमारे समाज और विभाग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कृपया इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्यवाही करें। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दू की इसको पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन योजना के प्रभारी के पद से हटा दिया है मगर ये वापिस आ गया है एवं बुधनी नहीं जा रहा है।

कृपया इसकी प्रतिनियुक्ति स्थाई रूप से हटाते हुए इसको मूल विभाग पशुपालन विभाग बुधनी वापिस भेजने का कष्ट करे। वैसे ये आपकी अम्मा गाय से बहुत नफरत करता है एवं नियुक्ति दिनांक से लेकर आज दिनांक तक ये ड्यूटी पर नहीं गया एवं आपने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया तो बुधनी के सारे किसान, पशुपालक आपका हर मोर्चे पर विरोध करेंगे।

प्रतिलिपि सूचनार्थ:

1. माननीय मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल
2. मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल
3. अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, भोपाल