दूखद खबर: नहीं रहे आचार्य भगवंत ऋषभचंद्रसूरीश्वर, आज ही था जन्मदिन

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जैन धर्म के पूज्य संत मानव सेवा के मसीहा और जीव दया प्रेमी परम पूज्य आचार्य देवेश ऋषभचंद्र सुरी जी महाराज साहेब का आज निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि आज ही के दिन उनका जन्म हुआ था। और आज ही के दिन वह हम सब को छोड़ कर चले गए। आज ही के दिन उनका प्रभु मिलन हुआ ऐसी पुण्य आत्मा को नमन वंदन।

श्री आदिनाथ राजेंद्र जैन ट्रस्ट मोहन खेड़ा ने सवेरे 6 बजे के करीब निधन की आधिकारिक घोषणा की। ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी सुजान मल जैन एवं त्रिस्तुति जैन श्री संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंपालाल वर्धन ने बताया की आचार्य श्री का अंतिम संस्कार मोहन खेड़ा तीर्थ पर किया जाएगा।

बता दे, मध्यप्रदेश के धार जिले के राजगढ़ के मोहनखेड़ा जैन तीर्थ पर आज उनका अंतिम संस्कार होगा। जैन ही नही जैनत्व को मानने वालों के लिये यह बहुत बड़ी क्षति है। “आप का अल्प समय से इंदौर में उपचार चल रहा था। अंतिम दर्शन एवं विधि मोहनखेड़ा तीर्थ पर कल शुक्रवार को होगी।

कोरोना को लेकर की थी भविष्यवाणी – 

आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी ने कोरोना को लेकर भविष्यवाणी की थी, उन्होंने कहा था कि यदि 30 अप्रैल से 15 मई के बीच आंधी, तूफान, ओलावृष्टि और बारिश होती है तो विश्वव्यापी कोरोना वायरस की बीमारी खत्म होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगी। 31 जुलाई के बाद मौत के आंकड़ों में 90 प्रतिशत तक की गिरावट आएगी। विश्व के अनेक देशों में भूकंप, समुद्री तूफान सुनामी आदि से जनता को कष्ट सहन करना होंगे। 2300 वर्ष पूर्व उज्जैन में लिखी गई भद्रबाहु संहिता जैनाचार्य के अनुसार यह महामारी आगामी तीन वर्ष तक शरद व ग्रीष्म ऋतु में जनमानस को पीड़ित कर सकती है। इस महामारी से सावधानी व सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए बचा जा सकता है।