क्या यही अमृतकाल है? टीचर पर FIR को लेकर अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला

Saurabh Sharma
Published:
क्या यही अमृतकाल है? टीचर पर FIR को लेकर अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला

उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले में एक इंटर कॉलेज के शिक्षक रजनीश गंगवार पर एफआईआर दर्ज की गई है। रजनीश गंगवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे स्कूल की मॉर्निंग असेंबली में बच्चों को कांवड़ यात्रा से जुड़ी एक कविता सुना रहे थे। कविता के बोल थे: “तुम कांवड़ लेने मत जाना, तुम ज्ञान का दीप जलाना…” कुछ लोगों को यह कविता आपत्तिजनक लगी और उन्होंने इसे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए शिकायत दर्ज करवाई। आरोप है कि शिक्षक ने धार्मिक भावनाएं आहत की हैं और इससे माहौल बिगड़ सकता है।

एफआईआर और विवाद बढ़ा

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने शिक्षक रजनीश गंगवार के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। वहीं, हिंदू संगठनों ने भी इस कविता का विरोध किया और कहा कि जब सरकार कांवड़ियों के लिए बड़ी-बड़ी व्यवस्थाएं कर रही है, तब शिक्षक ऐसा गीत गाकर बच्चों के बीच गलत संदेश फैला रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में बरेली पुलिस ने IPC की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है। हालांकि अब ये सिर्फ कानूनी मामला नहीं, बल्कि राजनीतिक रंग भी पकड़ चुका है।

अखिलेश यादव का सरकार पर तंज

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- “शिक्षक पर FIR और शिक्षालय बंद हो रहे हैं… भाजपा के लिए क्या यही अमृतकाल है?” अखिलेश ने यह भी कहा कि जब प्रदेश में हजारों स्कूल बंद करने की योजना बनाई जा रही है, तब शिक्षक को सिर्फ एक कविता सुनाने पर एफआईआर कर देना भाजपा की मानसिकता को दिखाता है।

शिक्षक को मिल रहा समर्थन

इस मामले में शिक्षक रजनीश गंगवार के समर्थन में कई संगठन और लोग सामने आए हैं। *पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज* (PUCL) ने FIR को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस कविता में किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ कोई भी आपत्तिजनक बात नहीं कही गई है। यह बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का प्रयास था, न कि किसी की भावनाएं आहत करने का। शिक्षक का कहना है कि उनकी मंशा किसी की धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने की नहीं थी, बल्कि वे बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाना चाहते थे।