Moonga Stone : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रत्न धारण करने की परंपरा है। इन्हीं में से एक है मूंगा, जो मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल साहस, ऊर्जा और उत्साह का कारक माना जाता है। अगर कुंडली में मंगल कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो मूंगा धारण करने से इसके प्रभावों को सकारात्मक बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं मूंगा पहनने के फायदे, इसे धारण करने का सही तरीका, और किन लोगों को इसे पहनना चाहिए।
मूंगा धारण करने के प्रमुख फायदे
मूंगा रत्न लाल, सिंदूरी, गेरुआ, सफेद और काले रंग में मिलता है और इसे धारण करने के कई लाभ हैं:
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- शक्ति और साहस का संचार: यह रत्न ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: दिल और रक्त से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है।
- मानसिक शांति: मूंगा अवसाद और उदासी को कम कर मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।
- अज्ञात भय से मुक्ति: यह रत्न भय और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक है।
कौन पहन सकता है मूंगा?
- मेष और वृश्चिक लग्न या राशि वाले: इन राशियों के स्वामी मंगल ग्रह हैं। मूंगा धारण करने से इन जातकों को बल, आकर्षण और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
- सिंह लग्न और राशि वाले: सिंह राशि के जातकों के भाग्य का स्वामी मंगल ग्रह है। यदि मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिल रही हो, तो मूंगा पहनने से भाग्य चमक सकता है।
- नीच का मंगल न हो: अगर कुंडली में मंगल ग्रह नीच का है, तो मूंगा धारण नहीं करना चाहिए।
मूंगा पहनने की सही विधि
- धातु का चुनाव: मूंगा को सोना, चांदी, या तांबे की अंगूठी में लगवाएं।
- शुद्धिकरण: धारण करने से पहले अंगूठी को कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध करें।
- धारण का समय: मंगलवार के दिन प्रातःकाल से दोपहर के बीच इसे दाएं हाथ की अनामिका उंगली में पहनें।
- महिलाओं के लिए बाएं हाथ की अनामिका उंगली सही मानी जाती है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। Ghamasan.com इनके सत्य और सटीक होने का दावा नहीं करता।