नितिनमोहन शर्मा
देश के दिल यानी मध्यप्रदेश में राहुल गांधी आते ही गदगद हो गए। ऐसा जनसैलाब उमड़ा की वे एमपी को अब तक की यात्रा में ए ग्रेड देने पर मजबूर हो गए। अभी तो आगाज ही है और यात्रा निमाड़ के कछार में घूम रही है। दो घाट चढ़कर जब मालवा के आँगन में कदम रखेगी तो क्या आलम होगा? ये इंदौर में बिछाए जा रहे 20 किलोमीटर लम्बे रेड कारपेट से पता चल रहा है।
जी हां, मेहमाननवाजी के लिए मशहूर मालवा ओर उसका शहर इंदौर राहुल बाबा के स्वागत सत्कार के लिए पलक पाँवडे बिछाकर तैयार है। अब तो साथ मे प्रियंका गांधी भी है। यात्रा का इंदौर में रात्रि पड़ाव भी है। राहुल गांधी इन्दौर में मीडिया से मुखातिब भी होंगे। लेकिन उसके पहले ही राहुल ने बुराहनपुर में मुखर होकर राज्य की सत्ता को चेता दिया- ‘चंद भृष्ट विधायको को ख़रीदकर ये सोच लिया था क्या कि हमे जनता के दिल से भी दूर लर दोगे’? देख लो अब देश के दिल यानी एमपी में गूंज रहा है…आला रे आला-राहुल बाबा आला।
2 हजार किमी से भी ज्यादा फ़ासला तय कर अहिल्या नगरी इन्दौर आ रहे राहुल गांधी के स्वागत के लिए पलक पाँवडे बिछना शुरू हो गए है। प्रदेश की राजनीतिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में ऐतिहासिक स्वागत सत्कार और अगवानी की तैयारी की गई है। दक्षिण से उत्तर भारत मे आते ही यात्रा को जो प्रतिसाद मध्यप्रदेश में मिला है, उसने गुटों में बटी कांग्रेस की बांछे खिला दी है। पहले ही दिन उमड़ी भीड़ में राहुल गांधी को के कहने पर मजबूर भी कर दिया कि वाकई एमपी ने सबको पीछे छोड़ दिया। उनके इस बयान ने समूची पार्टी में उत्साह भर दिया है। अब बेसब्री से इंतजार राहुल बाबा के इंदौर आने का चल रहा है जहां उनकी अगवानी में रेड कारपेट बिछ रहा है।
ये रेड कारपेट एक दो नही, 15 – 20 किमी का बिछेगा। यानी राहुल गांधी की कदमताल इंदौर की सरजमी पर रेड कॉरपेट से होकर गुजरेंगी। इंदौर में यात्रा का जो रुट है, उस हिसाब से राहुल गांधी का सबसे ज्यादा वक्त राऊ विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरेगा। लगभग पूरा दिन ही वे राउ विधानसभा क्षेत्र में रहेंगे। शुरुआत के एक घण्टे महू विधानसभा ओर आखरी के दो घण्टे इंदौर- 3 और इंदौर 4 में रहैंगे। शेष पूरा दिन उनका मूवमेंट्स जीतू पटवारी की राऊ विधानसभा सीट में बीतेगा। इसलिए राहुल बाबा के स्वागत में पटवारी कोई कसर नही रखना चाहते।
नया रेड कारपेट बुलवाया गया है जो महू से यात्रा के राऊ विधानसभा में पहुंचते ही बिछ जाएगा। राऊ से राजेन्द्र नगर, राजेन्द्र नगर से अन्नपूर्णा, अन्नपूर्णा से कैसरबाग ओर कैसरबाग से भंवरकुआं क्षेत्र तक एक जैसा कॉरपेट बिछाया जा रहा है। इसके अलावा बड़ी ओर विशाल रांगोली के जरिये भी स्वागत की तैयारी है। ये रांगोली दो स्थानों पर बन रही है। एक राजेंद्र नगर ब्रिज पर। दूजी कैसरबाग ब्रिज पर। इनका आकार 10 हजार स्क्वेयर फीट से भी बढ़कर रहेगा। रंगोली को वो आकार प्रकार ओर सज्जा की जा रही है है कि ये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान पाये।
20 हजार से भी ज्यादा गुब्बारों से कैसरबाग ब्रिज सजाया जाएगा। इसके अलावा पूरे यात्रा मार्ग को तिरंगे झंडों से सजाया जाएगा। 101 पंडितो के उस वक्त स्वस्तिवाचन सामुहिक स्वर गूजेंगे, जब राहुल गांधी राजबाड़ा पहुचेंगे। अन्नपूर्णा क्षेत्र में तो राष्ट्रगान के अनुरूप जीवंत झांकिया भी बनाई जाएगी। इन झांकियों में राष्ट्रगान के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रान्तों के नाम के अनुरुप वेशभूषा में जनसामान्य राहुल गांधी की यात्रा का स्वागत करेंगे।
नेता बाज नही आ रहे, वो ही पुराने ढर्रे पर कायम
जो सुधर जाए, वो कांग्रेसी कैसा? ये टिप्पणी एक पुराने कांग्रेसी नेता की है जो इतनी बड़ी यात्रा के बावजूद नेताओ की मानसिकता से दुखी होकर बाहर आई। राहुल गांधी की ऐतिहासिक यात्रा में भी कांग्रेसी वे ही सारे धतकरम से पीछे नही हट रहे जिनके चलते आज कांग्रेस के ये दुर्दिन आये। अभी भी सभी छोटे बड़े नेता बजाय यात्रा के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने के, अपनी अपनी झांकी जमाने में पसीना बहा रहे है।
डंडे झंडे होर्डिंग्स ओर बेनर पर पसीना बहा रहे है। बजाय जनसामान्य में यात्रा के उद्देश्य को लेकर जाने के। जबकि यात्रा में नेताओ के लिए एकमात्र ये ही जवाबदारी है कि वे जनसामान्य से इस विषय में घर घर जाकर सम्पर्क करें और उन्हें यात्रा के उद्देश्य बताए व यात्रा से जोड़े। इसके ठीक उलट नेता स्वयम के बैनर छपवा रहे है। बजाय उस पत्रक के जिसके जरिये घर घर दस्तक देना है।