Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में एक बार फिर संकट में कांग्रेस सरकार, क्या पायलट रह जाएंगे फिर खाली हाथ

mukti_gupta
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राजस्थान की राजनीति में कुछ दिनों की शांति के बाद एक बार फिर से संकट के बादल मंडराने लगे है है. दरअसल अगले महीने कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद का चुनाव होने वाला है लेकिन अभी तक ये स्थिति साफ़ नहीं हुई कि कांग्रेस का नाय अध्यक्ष कौन होगा। लेकिन इसी बीच राजस्थान की सियासत एक बार फिर हलचल हो रही है, बीतें दिन खबर आयी कि कांग्रेस के कुछ विधायकों ने कांग्रेस के आलाकमान को आँख दिखाने के लिए इस्तीफा देने की धमकी दी है. दरअसल इन सब कि शुरुआत तब से हुई जब यह खबर आना शुरू हुई कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते है.

इन सबके बीच कांग्रेस नेता भी शक्ति प्रदर्शन करते नज़र आये है और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में एक नेता दो पद पर नहीं हो सकता। इस विवाद के बाद साफ़ है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के मुख्यमंत्री बनते है तो उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। मीडिया से बात करते हुए अशोक गेहलोत ने कहा अगर जरुरत तो वो दो क्या पांच पदों पर भी रह सकते है लेकिन इसके अगले ही दिन राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ये कह दिया कि कांग्रेस में रेहर नियमों का पालन करना पड़ेगा। कांग्रेस अध्यक्ष का नैतिकता का पद है और उस पद पर नैतिकता है उदहारण पेश करते हुए एक व्यक्ति रक पद मानना चाहिए। इसके बाद से राजस्थान में सचिन पायलट के समर्थक खुशियां मना रहे थे, जगह जगह पायलट के मुख्यमंत्री बनने के शुभकामनाएं भी दे दी गयी थी और खूब पोस्टरबाजी की गयी थी.

यह बात लगभग साफ़ हो गयी थी सचिन पायलट राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री बन सकते है. उसके बाद अशोक गहलोत ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए पुरे खेल को ही बदल दिया है. कांग्रेस आलकमान ने नए मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए दिल्ली से दो लोगों की टीम भेजी थी जिसमें अजय माकन जैसे नेता शामिल थे. लेकिन राजस्थान पहुंची तो अशोक गहलोत के समर्थक में विधायकों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। लगभग 90 विधायकों ने बैठक में जाने से इंकार दिया, उनका कहना है कि नए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही होंगे वार्ना वो सब इस्तीफा दे देंगे।

कांग्रेस आलाकमान ने विधायकों को समझाने की खूब कोशिश की लेकिन विधायक मानने को तैयार नहीं है, विधायकों का कहना है कि उन्हें अशोक गहलोत ही बतौर मुख्यमंत्री चाहिए या फिर अशोक गेहलोत के समर्थन से नया मुख्यमंत्री बनना चाहिए। अगर कांग्रेस आलाकमान यह बात मान लेती है तो सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने के सपने धरे के धरे रह जाएंगे।

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राजस्थान में उठे इस विवाद के बाद सोनिया गाँधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को दिल्ली बुलाया। इन सब के बीच दो अटकलें लगाई जा रही है, पहली अटकल तो ये कि शायद कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत की जगह कमलनाथ को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर विचार कर सकता है दूसरी अटकल यह भी लगायी जा रही है कमलनाथ को राजस्थान के सियासी संकट को सुलझाने की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है क्योंकि इससे पहले भी राजस्थान में जब उठा पटक शुरू हुई थी तो कमलनाथ ही वो नेता थे जिन्होंने राजस्थान जाकर उस संकट को सुलझाया था.