नई दिल्ली। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीते दिन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। जिसके बाद आज दिनभर की माथापच्ची के बाद शाम को नए सीएम का नाम सबके सामने आया। दरअसल, हरीश रावत है कहना था कि, नए सीएम का नाम कल ही तय हो गया था लेकिन राज्यपल से मिलना बाकि था। वहीं, अब अमरिंदर के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी का नाम नए मुख्यमंत्री के रूप में तय हो गया है। नए मुख्यमंत्री के रूप में चन्नी का चयन करके कांग्रेस ने पंजाब में दलित कार्ड खेल दिया है।
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पंजाब में पहली बार दलित नेता को सीएम का पद सौपा गया है। वहीं चन्नी को अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। साथ ही आपको बता दें कि, कैप्टन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चन्नी कई बार कांड में फंस चुके है। आप ऐसा भी कह सकते है कि, चन्नी का और कांड का पुराना नाता है।
2018 में फंसे थे
बता दें कि, चन्नी साल 2018 में मी टू मामले को लेकर खासे विवाद में फंस चुके हैं। दरअसल, एक महिला आईएएस अधिकारी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि चन्नी ने उन्हें कई बार आपत्तिजनक संदेश भेजे थे। महिला आईएएस अफसर के इस आरोप के बाद यह मामला सियासी रूप से भी काफी गरमा गया था। विपक्ष के नेताओं ने इस मामले को लेकर चन्नी और तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को घेरा था। कैप्टन ने इस मामले में चन्नी का बचाव करते हुए मामला खत्म हो जाने की बात कही थी।
आपको बता दें कि, चन्नी हमेशा से ही कांग्रेस का विवादित चेहरा रहे हैं। वहीं साल 2018 के मामले में ही मी टू अभियान में नाम आने के बाद इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। इस विवाद को खत्म करने के लिए चन्नी ने महिला आईएएस अफसर से माफी मांग ली थी। बाद में इसी आधार पर कैप्टन ने चन्नी का बचाव करते हुए कहा था कि मंत्री के माफी मांग लेने से अब यह मामला पूरी तरह खत्म हो गया है।
महिला आयोग ने भी उठाया सवाल
जिसके बाद इस साल मई में भी यह मामला तब गरमाया था जब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने भूख हड़ताल पर बैठ जाने की धमकी दी थी। वहीं, गुलाटी का कहना था कि उन्होंने 2018 में ही मुख्य सचिव करण अवतार सिंह को इस मामले में जवाब देने के लिए पत्र लिखा था मगर उन्होंने इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। गुलाटी का कहना था कि आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी थी।
गुलाटी ने कहा था कि 2018 में मुख्यमंत्री की ओर से मामला खत्म होने का बयान दिए जाने के बाद आयोग की ओर से इसे फॉलो नहीं किया गया। मगर महिला आईएएस अधिकारी की ओर से इस मामले में कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। वैसे सियासत के माहिर खिलाड़ी चन्नी अपने खिलाफ मी टू के इस मामले को एक बार फिर दबाने में कामयाब रहे।