चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित शासकीय मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत मेडिकल फैकल्टी के लिए अलग स्थानांतरण नीति तैयार की जाएगी। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस नई नीति का मसौदा तैयार करें। साथ ही, विभाग में लंबे समय से खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ भी सुनिश्चित किया जाएगा। वहीं, पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करने के उद्देश्य से वहां कार्यरत चिकित्सकों के मानदेय में बढ़ोतरी की जाएगी।
यह बात प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित ‘डॉक्टर ऑफ द ईयर अवार्ड-2025’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में मजबूत स्वास्थ्य तंत्र विकसित करने में जुटी है। इसके लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। जिनमें राजकीय चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्साधिकारियों, नर्सिंग अधिकारियों, पैरामेडिकल व तकनीकी स्टॉफ की बड़े पैमाने पर नियुक्ति की है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों एंव चिकित्सालयों में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।

नई नीति से दूर होगा स्थानांतरण को लेकर भ्रम
डॉ. रावत ने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों के स्थानांतरण के लिये पृथक से नीति बनाई जाएगी, जो मेडिकल फैकल्टी पर केन्द्रित होगी। नई नीति में पारदर्शी स्थानांतरण को लेकर स्पष्ट व्यवस्था होगी जिससे कार्मिकों को अपने स्थानांतरण लेकर कोई भ्रम न रहे। उन्होंने कहा कि नई स्थानांतरण नीति को तैयार करने से पहले विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक पहलुओं का बारीकी से अध्ययन करने को कहा गया है।
लंबे समय से खाली पदों को जल्द भरेगा विभाग
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजकीय अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में आधारभूत ढांचे के साथ-साथ आधुनिक चिकित्सकीय उपकरणों की सुविधा उपलब्ध करा रही है। इसके साथ ही विभाग में लंबे समय से रिक्त पड़े विभिन्न संवर्गों के पदों को भरा जाएगा और IPHS मानकों के अनुसार नए पदों का सृजन भी किया जाएगा। कर्मचारियों को शत-प्रतिशत पदोन्नति का लाभ देने के लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
डॉ. रावत ने यह भी बताया कि सरकार प्रदेश में विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में मजबूत स्वास्थ्य नेटवर्क तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। दूरस्थ इलाकों में तैनात चिकित्सकों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं और उनके मानदेय में भी वृद्धि की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक डॉक्टर इन क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए प्रेरित हों।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. रावत ने चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले चिकित्सकों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित भी किया।