यह हैं इंदौर निवासी राजेन्द्र जैन वास्तु एवं उनकी पत्नि आंचल जैन…20 फरवरी को उनके बेटे की शादी थी। रिसोर्ट, होटल, केटरर सभी की बुकिंग हो गई थी। विवाह पत्रिकायें छापकर बंट चुकी थीं। मेहमानों ने शादी में इंदौर पहुंचने के लिये रिजर्वेशन करा लिये थे। राजेन्द्र और आंचल शादी की खरीदारी के लिये सूरत गये थे, तभी अचानक फोन की घंटी बजी। फोन दमोह जिले के जैन तीर्थ कुंडलपुर से था। खबर आई कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने 12 से 23 फरवरी तक कुंडलपुर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव(Panchkalyanak Pratishtha Mahotsav) की तारीख की घोषणा कर दी है।
खबर सुनते ही राजेन्द्र और आंचल ने खरीदा हुआ सभी सामान सूरत में ही मित्र के घर छोड़ा और तत्काल इंदौर के लिये रवाना हो गये। रास्ते भर यह दोनों आचार्य को संदेश भेजते रहे कि उन्हें पंचकल्याणक महोत्सव में भगवान के माता पिता (पात्र) बनना है। आचार्य ने भी इनके त्याग व समर्पण को देखते हुए इन्हें माता पिता बनने की स्वीकृति दे दी। इंदौर पहुंचकर इन्होंने बेटे की शादी स्थगित करने की घोषणा की।
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तर्क दिया कि बेटे की शादी के मुहुर्त बहुत मिल जाएंगे, लेकिन कुंडलपुर महोत्सव में आयोजित पंचकल्याणक में माता पिता बनने का मुहुर्त इस जीवन में पुन: नहीं मिलेगा। आचार्य का आशीर्वाद मिलते ही इंदौर में दिगम्बर जैन समाज ने मंगल गीतों के साथ इनकी गोद भराई के कार्यक्रम शुरू कर दिये। मंदिर मंदिर और घर घर इन्हें आमंत्रित कर महिलाओं ने बड़ी संख्या में इनकी गोद भराई की।
भोपाल में गोद भराई
रविवार को इंदौर से कुंडलपुर जाते हुए राजेन्द्र व आंचल भोपाल के हबीबगंज दिगम्बर जैन मंदिर में रूके, जहां भोपाल जैन समाज की ओर से गोद भराई का कार्यक्रम किया गया। लगभग 20 मंदिरों से पहुंचे 200 से अधिक महिला पुरुषों ने भजन गाते हुए इनकी गोद भराई की।