“चीनी कम मिठास भरपूर रन-वॉक”और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

srashti
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विश्व मधुमेह दिवस 2024 के अवसर पर, 17 नवंबर को मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप जुल्का द्वारा केयर सीएचएल अस्पताल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और लायंस क्लब के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएगा। कार्यक्रम के तहत “चीनी कम मिठास भरपूर रन – वॉक” का आयोजन किया जाएगा, जो मंगल सिटी मॉल से सुबह 6:45 बजे शुरू होगी। इस दौड़ का फ्लैग आफ भारतीय हाकी टीम के कोच मीर रंजन नेगी और मेजर जनरल श्रीकांत नीमा करेंगे।

डॉ. संदीप जुल्का ने बताया कि जागरूकता रैली में बीएसएफ के जवान, एनसीसी कैडेट्स, डॉक्टर और मधुमेह साथी शामिल होंगे। रैली मंगल सिटी मॉल से शुरू होकर रेडिसन होटल, बॉम्बे अस्पताल, और सत्य सांई चौराहा होते हुए वापस वहीं समाप्त होगी। इसके अलावा, सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक एक स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किया जाएगा।

चित्रकारी और नृत्य कार्यक्रम भी आकर्षण का केंद्र

शिविर के दौरान टाइप वन डायबिटीज बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए चित्रकारी और नृत्य करेंगे। साथ ही, विशेषज्ञ डॉक्टर मधुमेह से बचाव और नियंत्रण के तरीकों पर जानकारी देंगे। इसमें इस बात पर भी चर्चा होगी कि मधुमेह कैसे आंख, गुर्दा और हृदय को प्रभावित करता है। कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा मधुमेह के इलाज में हो रहे नए आविष्कारों पर चर्चा की जाएगी।

डॉ. जुल्का ने बताया कि जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इससे पहले गुरुवार को लायंस क्लब के सहयोग से 15 स्थानों पर शिविर लगाए गए, जिनमें 1100 लोगों की जांच की गई। इनमें से 12 प्रतिशत लोगों में शुगर का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया। मधुमेह एक गंभीर समस्या है, लेकिन जागरूकता और समय पर जांच से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने सभी से इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की।

चीनी कम मिठास भरपूर रन-वॉक मंगल सिटी मॉल से सुबह 6:45 बजे शुरुआत, फ्लैग ऑफ मीर रंजन नेगी और मेजर जनरल श्रीकांत नीमा द्वारा।

स्वास्थ्य शिविरः सुबह 10 से 1 बजे तक टाइप वन डायबिटीज बच्चों के लिए निःशुल्क थायराइड और एचबीए 1 सी एवं आई चेक। डिस्काउंट रेट पर केयर सीएचएल पैथोलॉजी द्वारा मधुमेह स्वस्थ पैकेज।

मधुमेह मरीजों पर रिसर्चः मधुमेह के 90 प्रतिशत मरीजों को मोटापा या अधिक वजन

डॉ. संदीप जुल्का ने अपने सेंटर पर आने वाले 800 मरीजों पर एक विशेष अध्ययन किया। इस रिसर्च में मरीजों की आयु, पारिवारिक पृष्ठभूमि, खानपान की आदतें, और व्यायाम के स्तर पर विस्तृत जानकारी जुटाई गई। अध्ययन में सामने आया कि मरीजों में 56 प्रतिशत पुरुष और 44 प्रतिशत महिलाएं थीं। चौंकाने वाली बात यह रही कि 75 प्रतिशत मरीज मोटापे से ग्रस्त थे, जबकि 15 प्रतिशत का वजन सामान्य से अधिक पाया गया। कुल मिलाकर, 90 प्रतिशत मरीज मोटापे या अधिक वजन से ग्रस्त है।

एकल परिवार और बाहर का भोजन मोटापे का बड़ा कारण

अध्ययन के अनुसार, एकल परिवार में रहने वाले मरीजों में मोटापा अधिक देखा गया। इसके अलावा, बाहर का भोजन करने वालों में भी वजन बढ़ने की प्रवृत्ति पाई गई। शाकाहारी भोजन करने वाले कुछ मरीजों में भी मोटापा देखा गया, हालांकि इसका प्रतिशत कम था।

रिसर्च में पाया गया कि 50 प्रतिशत मरीजों को यह भी नहीं पता था कि वे महीने में कितना तेल खा रहे हैं। अधिकतर मरीज एक लीटर प्रति व्यक्ति प्रति माह से ज्यादा तेल का सेवन कर रहे थे, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इनमें 65 प्रतिशत मरीज नियमित रूप से कोई भी व्यायाम नहीं करते।

70 प्रतिशत मरीज खाते हैं टीवी देखते हुए खाना

रिसर्च में सामने आया कि 70 प्रतिशत मरीज टीवी देखते हुए खाना खाते हैं। इस आदत को मोटापे के बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारण बताया गया। इसके अलावा, 80 प्रतिशत मरीजों की शुगर नियंत्रण में नहीं थी, जिससे उनका स्वास्थ्य और अधिक खतरे में था। डॉ. जुल्का ने बताया कि स्वस्थ जीवनशैली के लिए तेल की खपत कम करने, नियमित व्यायाम करने और सही आदतें अपनाने की आवश्यकता है। टीवी देखते हुए खाना खाने से बचना चाहिए। यह शोध लोगों को अपनी जीवनशैली सुधारने के लिए एक चेतावनी के रूप में काम करेगा।